अल्सर, अस्थमा और कब्ज समेत कई बीमारियों के लिए दवा है काली मिर्च, ऐसे करें दूर
World Journal Of Pharmaceutical Research की एक शोध में काली मिर्च पर गहन अध्ययन किया गया है। इस शोध में खुलासा हुआ है कि काली मिर्च कई बीमारियों के लिए रामबाण है। दुनिया में काली सफ़ेद हरी और लाल चार प्रकार की काली मिर्च पाई जाती हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दुनियाभर में काली मिर्च का इस्तेमाल जायके का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। वहीं, आयुर्वेद में औषधि के रूप में इसका यूज किया जाता है। भारत में प्राचीन समय से काली मिर्च का सेवन किया जाता रहा है। इसका मुख्य केंद्र दक्षिण भारत है। इसमें विटामिन-ए, सी, सेलेनियम, पिपेरिन, बीटा कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। डॉक्टर्स कई बीमारियों में काली मिर्च के सेवन की सलाह देते हैं। अगर आप काली मिर्च के फायदे से वाकिफ नहीं है, तो आइए जानते हैं-
World Journal Of Pharmaceutical Research की एक शोध में काली मिर्च पर गहन अध्ययन किया गया है। इस शोध में खुलासा हुआ है कि काली मिर्च कई बीमारियों के लिए रामबाण है। दुनिया में काली, सफ़ेद, हरी और लाल चार प्रकार की काली मिर्च पाई जाती हैं। यह सेहत और सुंदरता दोनों के लिए फायदेमंद साबित होती है।
कब्ज की समस्या दूर होती है
अनुचित खानपान के चलते कब्ज आम समस्या बन गई है। खासकर जंक फूड्स, चाय, कॉफी और स्मोकिंग के चलते पेट संबंधी विकार होते हैं। इससे निजात पाने के लिए काली मिर्च का सेवन किया जा सकता है। काली मिर्च के सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्त्राव होता है। इससे पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करने लगता है।
पेप्टिक अल्सर में आराम मिलता है
कई शोध से खुलासा हुआ है कि काली मिर्च के सेवन से पेप्टिक अल्सर में बहुत जल्द आराम मिलता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं जो अल्सर को कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
अस्थमा के लिए गुणकारी है
डॉक्टर्स हमेशा फ्लू और सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने के लिए काली मिर्च की चाय पीने की सलाह देते हैं। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं। अथवा सांस संबंधी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो काली मिर्च को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके लिए काली मिर्च की चाय पी सकते हैं।
वजन कम करने में सहायक
मसालेदार भोजन के सेवन से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और वजन घटाने में मदद मिलती है। ऐसा तापीय प्रभाव से होता है। मसालेदार भोजन तापीय प्रभाव को ट्रिगर करता है, जबकि तापीय प्रभाव कैलोरीज बर्न करता है। फाइबर के चलते भूख कम लगती है और बार-बार खाने की आदत से निजात मिलती है। साथ ही पिपेरिन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और फैट बर्न करता है। इस यौगिक की उपलब्धता से भी वजन कम करने में मदद मिलती है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।