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Stay Home Stay Empowered: क्या आपको ऑफिस और स्कूल खुलने से डर लग रहा है? एक्सपर्ट्स से जानें-इससे बचने के टिप्स

लेखक जेमी विंडस्ट के मुतबिक कुछ लोगों को अपनी सेहत की चिंता है। इससे निपटने के लिए बस इतना याद रखना है कि वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क फिजिकल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन के टिप्स फॉलो करेंगे तो आप पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। पर कई लोगों को मानसिक समस्या है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 08:46 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered: क्या आपको ऑफिस और स्कूल खुलने से डर लग रहा है? एक्सपर्ट्स से जानें-इससे बचने के टिप्स
देखें कि आप अपनी नई रूटीन कैसे बना सकते हैं। फिर से सार्वजनिक यातायात में जानें का आत्मविश्वास जगाएं।

नई दिल्ली, जेएनएन। दुनियाभर में कोरोना वायरस के घटते केस और बढ़ते वैक्सीनेशन के बीच ज्यादातर जगहों पर लॉकडाउन का वक्त खत्म हो चुका है। भारत में अनलॉक की प्रक्रिया पिछले 8 महीने से चल रही है, वहीं ब्रिटेन अब पूरी तरह लॉकडाउन खत्म करने का रोडमैप तैयार कर चुका है। अब बहुत संभावना है कि बड़ी आबादी को वैक्सीन लगने के बाद ज्यादातर ऑफिस जल्द खुल जाएंगे। जहां पिछले एक साल से वर्क फ्रॉम होम मोड में काम हो रहा है, वहां भी ऑफिस खुलने की संभावना है। लेकिन कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो ऑफिस खुलने की बात सुनकर रोमांचित कम होते हैं और उन्हें डर ज्यादा लगता है। आइए, विशेषज्ञों से जानते हैं कि इस परिस्थिति से कैसे निपटा जा सकता है-

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विशेषज्ञों के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों ने परिवार के साथ वक्त बिताया और घर के कमरों में ऑफिस के काम करने का अनुभव लिया। कई लोग इस रूटीन में बदलाव चाहते हैं, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जो यह सोच कर ही डर रहे हैं कि ऑफिस और स्कूल खुलने पर वे अब रोज कैसे बाहर जाएंगे।

कई तरह के डर

लेखक जेमी विंडस्ट के मुतबिक, कुछ लोगों को अपनी सेहत की चिंता है। इससे निपटने के लिए बस इतना याद रखना है कि वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क, फिजिकल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन के टिप्स फॉलो करेंगे तो आप पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। पर कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मानसिक समस्या और एंजाइटी है। ब्रिटेन के मेंटल हेल्थ फाउनडेशन के एक सर्वे के मुताबिक, लॉकडाउन के बाद एक-चौथाई लोग अकेला महसूस कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग वर्क फ्रॉम होम के आदी हो गए हैं। वे अपने पेट्स के साथ वक्त बिताने, पैसे बचाने, ऑफिस आने-जाने के झंझट से मुक्ति का आनंद उठा रहे हैं।

जेमी विंडस्ट कहते हैं कि कई लोग सिर्फ पहले जैसे काम करने से नहीं डर रहे हैं, बल्कि उन्हें उस मानसिक संघर्ष का डर है, जो काम के साथ आता है। बाहर की दुनिया में लगातार काम का दबाव और व्यायाम करने की चुनौती हैं। ऐसे दिखना होता है कि हम मजे कर रहे हैं। वहीं 2020-2021 ने हमें इनसे आजादी दे दी है।

अपनी पसंद को पहचानें

महामारी ने लोगों को नए विकल्प दिए हैं और हम सभी को यह महसूस करने के लिए मजबूर किया है कि काम करने के स्थापित तरीके एक पल में बदल सकते हैं। जीवनशैली विशेषज्ञ कूपर डिक्सन के मुताबिक, अब हम और बदलाव के बारे में सोच सकते हैं। हम काम का ऐसा तरीका खोज सकते हैं जो लॉकडाउन के पहले के तरीकों से अलग हो। कई कंपनियां पहले ही हाईब्रिड विकल्प के बारे में सोच रही हैं। वे कर्मचारियों को हफ्ते में दो से तीन दिन ही ऑफिस बुलाना चाहती हैं।

खुद को वक्त दें

किसी नई चीज को अपनाने की रफ्तार हर इंसान में अलग होती है। 2010 की लैली, वैन जार्सवेल्ड, पाट्स और वार्डले के एक शोध के मुताबिक, नए स्वभाव को अपनाने में 18 से 254 दिन के बीच का समय लगता है। इसलिए सब कुछ अपनी रफ्तार से करें और देखें कि किन चीजों को आप कितना नियंत्रित कर सकते हैं। सरकार सब कुछ ओपेन कर दे तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप भी सारी सामाजिक जिम्मेदारियां निभाने लगें।

छोटे-छोटे कदम उठाएं

देखें कि आप अपनी नई रूटीन कैसे बना सकते हैं। फिर से सार्वजनिक यातायात में जानें का आत्मविश्वास जगाएं।

याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं

कूपर डिक्सन के मुताबिक, ये बदलाव सिर्फ आपके साथ नहीं हैं। आप अकेले नहीं हैं, जो लॉकडाउन और अनलॉक की एंजाइटी झेल रहे हैं। कई ऐसे लोग हैं, जो ठीक वैसा सोच रहे हैं, जैसा कि आप सोच रहे हैं। 


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