कोरोना वायरस से निपटने में होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा हो सकती हैं कारगर: आयुष मंत्रालय
आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम में होम्योपैथी और यूनानी दवाएं कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं के जरिए चीन में 100 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई है।
चीन से फैला कोरोनावायरस दर्जनों देशों को चपेट में ले चुका है। भारत सहित अमेरिका, जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों का मिलना लगातार जारी है।
कारगर हो सकती हैं होम्योपैथी और यूनानी दवाएं
आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम में होम्योपैथी और यूनानी दवाएं कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं के जरिए चीन में 100 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई है। यह बात मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एडवाइजरी में कही गई है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार यह एडवाइजरी एहतियाती उपाय के रूप में जारी की गई है। कोरोना वायरस के सटीक उपचार का दावा नहीं किया जा रहा। आयुष मंत्रालय की शोध परिषद समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी सलाह जारी करती रहती है।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाह बोर्ड ने मंगलवार को होम्योपैथी की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की थी। उसने कहा था कि कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर आर्सेनिकम एलबम 30 को रोजाना खाली पेट तीन दिनों तक लिया जा सकता है। संक्रमण कायम रहने पर एक महीने बाद इसकी खुराक को दोबारा लिया जा सकता है। एडवाइजरी में कह गया है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए भी इस दवा की खुराक ली जा सकती है। इसमें आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं और घरेलू उपायों का भी जिक्र किया गया है।
आयुष मंत्रालय के अनुसंधान परिषदों की ओर से जारी एडवाइजरी में अगस्त्य हरितकी, शेषमणि वटी, त्रिकूट और तुलसी की पत्तियां और तिल के तेल जैसी दवाओं को उपयोगी बताया गया है। इसमें यूनानी दवाओं को भी उपयोगी बताया गया है।
इसके लिए शरबतउन्नाब, तिर्यकअर्बा, तिर्यक नजला, खमीरा मार्वारिद जैसी दवाओं को लेने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में सामान्य साफ-सफाई की भी सलाह दी गई है।