Mask Mistakes: मास्क पहनते वक्त कहीं आप तो नहीं कर रहे ये मामूली ग़लती?
Mask Mistakes कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनना लगभग हर देश में अनिवार्य हो गया है। ऐसे में ग़लती जो कई लोग करते हैं वह है मास्क पहने हुए लगातार खांसना।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mask Mistakes: कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में खुद को बचाने के लिए मास्क पहनना सबसे ज़रूरी होता जा रहा है। ये बात अलग है कि मास्क पहने रखना आसान नहीं है, खासकर लंबे समय के लिए। इसे पहनकर न सिर्फ घुटन महसूस होती है बल्कि खुजली और पसीना भी काफी आ जाता है। सबसे बड़ी बात, अगर आप मास्क को सही तरीके से नहीं पहन रहे हैं, तो आप खुद अपनी सेहत पर जोखिम डाल रहे हैं।
मास्क पहनकर न खांसे
कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनना लगभग हर देश में अनिवार्य हो गया है। ऐसे में ग़लती जो कई लोग करते हैं, वह है मास्क पहने हुए लगातार खांसना।
ये है वजह
ये बात सही है कि मास्क पहनने से संक्रमण का प्रसारण कम हो जाता है, जब आप खुद बीमार हों या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हों, जिसमें कोविड-19 के लक्षण दिख रहे हों। हालांकि, खांसने पर मास्क सभी तरह की बूंदें नहीं रोक सकता। इसका मतलब ये हुआ कि मास्क पहनने से कुछ बूंदों का प्रसारण थम सकता है, लेकिन कुछ बूंदें ऐसी भी होती हैं, जो 3 फीट की दूरी तक चली जाती हैं।
इसी को लेकर सिपरस के निकोसिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शोध किया था। जिसमें पाया गया था कि अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनने से भी खांसने या छींकने पर बूंदें कुछ दूरी तक जाती हैं।
ऐसा क्यों होता है?
क्योंकि मास्क पहनने से एयर प्रेशर बनना शुरू होता है इसलिए खांसने या छींकने पर कुछ बूंदें मास्क से बाहर चली जाती हैं।
मास्क पहनना न छोड़ें
शोध में देखा गया कि छोटी से छोटी बूंदें भी काफी दूर तक चली जाती हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप मास्क पहनना छोड़ दें। अगर कोई खांसता या छीकता है, तो मास्क उन बूंदों की मात्रा को कम करता है। इसका मतलब अगर कोई बीमार व्यक्ति छींकता है, तो आसपास के बाकी लोग सुरक्षित रहेंगे।