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अस्थमा के मरीज को Covid-19 से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं, पढ़ें क्या है ये नया शोध

अस्थमा कोविड-19 की गंभीरता को नहीं बढ़ाता। बुढ़ापे हृदय रोग उच्च रक्तचाप पुराने फेफड़े की बीमारी और मधुमेह से ग्रसित मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 05:05 PM (IST)
अस्थमा के मरीज को Covid-19 से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं, पढ़ें क्या है ये नया शोध
अस्थमा के मरीज को Covid-19 से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं, पढ़ें क्या है ये नया शोध

 नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा खतरा सांस के मरीजों को हो रहा है, यह बात कई शोधों में सामने आ चुकी है। लेकिन, अब एक चौकाने वाला अध्ययन सामने आया है। एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि अस्थमा के मरीजों को कोविड-19 से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। राहत देने वाला ये शोध रटगर्स के शोधकर्ताओं ने किया है। शोध में पाया गया है कि अस्थमा कोविड-19 की गंभीरता को नहीं बढ़ाता है। आपको बता दें कि यह शोध हाल ही में जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

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अंग्रेजी वेबसाइट हेल्थ शॉट में छपी खबर के मुताबिक रेनॉल्ड ए पैनेटियरी, एक पलमोनेरी क्रिटिकल केयर फिजिशियन और रटगर्स इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड साइंस के निदेशक के अनुसार बुढ़ापे, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप रोगी, पुराने फेफड़े की बीमारी, मधुमेह और मोटापे से ग्रसित मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है।

आम तौर पर देखा गया है कि अस्थमा पीड़ित मरीज पहले से ही स्वच्छता और सामाजिक दूरी का सही से पालन करते है। वे अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग और सतर्क रहते हैं। यही नहीं मौसमी फ्लू के दौरान एलर्जी से बचने या कोल्ड, कफ से बचने के लिए खुद को तैयार रखते हैं। दरअसल, किसी भी श्वसन संबंधी बिमारी से उनमें दम फूलने की शिकायतें आने लगती है। यही कारण है कि अपने आप को ज्यादा स्वच्छ और वायरस से बचाने का हर संभव प्रयास करते हैं।

दरअसल, कोरोना काल में भी इन्हीं नियमों को पालन करने पर ज्यादा ज़ोर दिया जा रहा है। ऐसे में यह भी एक कारण है कि अस्थमा से ग्रसित मरीजों में कोविड-19 के फैलने का खतरा कम होता है। लोग इस महामारी के दौरान विशेष तौर पर अपनी अस्थमा की दवा भी लेने से नहीं चुक रहे हैं।

कोविड-19 और अस्थमा मरीजों के उम्र का कनेक्शन

शोध में यह भी पाया गया है कि कोरोना का खतरा युवाओं की तुलना में अस्थमा के बुजुर्ग मरीजों को ज्यादा हो सकता है। अस्थमा से पीड़ित बच्चे और युवा मुख्य रूप से एलर्जी से पीड़ित होते हैं। दूसरी ओर, बड़े-बुजूर्ग के वायु नली में इस बीमारी से सूजन हो सकती है। वे इसिनोफिलिक अस्थमा के शिकार हो सकते हैं जो आम अस्थमा से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह के मामलों में, वायुमार्ग, साइनस, नाक मार्ग और निचले श्वसन तंत्र में सूजन हो सकती है, जो संभावित रूप से कोविड-19 जोखिम को बढ़ा सकता है।

अध्ययन के मुताबिक अस्थमा मरीज जिन्हें उच्च रक्तचाप, मधुमेह या हृदय रोग भी है, उनमें गैर-अस्थमा रोगियों की तुलना में कोविड-19 का ज्यादा खतरा हो सकता है।

                         Written By Shahina Noor


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