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कृत्रिम बारिश है दिल्ली-एनसीआर के लोगों को पॉल्यूशन से निकालने का सही सॉल्यूशन, जानें यहां इसके बारे में

दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन का हाल किसी से छिपा नहीं है। जिसे दूर करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन एक ऐसा सॉल्यूशन है जो इससे तुरंत राहत दिला सकता है वो है कृत्रिम बारिश। जानते हैं क्या है यह प्रोसेस और कैसे काम करता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 10:05 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 10:05 AM (IST)
कृत्रिम बारिश है दिल्ली-एनसीआर के लोगों को पॉल्यूशन से निकालने का सही सॉल्यूशन, जानें यहां इसके बारे में
पॉल्यूशन की बिछी चादर में झांकता हुआ सूरज

सर्दियों की शुरुआत मतलब दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में पॉल्यूशन की मार, ये हर साल की कहानी है। हवा की गुणवत्ता इस हद तक खराब हो जाती है कि इसमें सांस ले पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में घर से बाहर निकलना मतलब अपनी जान हथेली पर रखकर निकलना, इस कदर खतरनाक माहौल हो जाता है। और इतनी आसानी से अभी इससे छुटकारा नहीं मिलने वाला, अगर कोई ऑप्शन है हवा को सांस लेने योग्य बनाने का, तो वो है कृत्रिम बारिश। क्योंकि अभी हाल-फिलहाल मौसमी बारिश होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे ऐसे में यही एक कारगर उपाय बचा है जिस ओर खासतौर से और जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है। 

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क्या है कृत्रिम बारिश

कृत्रिम बारिश करना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। इसके लिए पहले कृत्रिम बादल बनाए जाते हैं। पुरानी तकनीक में विमान या रॉकेट के जरिए ऊपर पहुंचकर बादलों में सिल्वर आयोडाइड मिला दिया जाता है। सिल्वर आयोडाइड प्राकृतिक बर्फ की तरह ही होती है। इस कारण बादलों का पानी भारी हो जाता है जिससे बरसात हो जाती है। जानकार कहते हैं, कृत्रिम बारिश के लिए बादल का होना जरूरी है। बिना बादल के क्लाइड सीडिंग पॉसिबल ही नहीं। 

कृत्रिम बारिश कैसे होगी

दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराना संभव है सबसे बड़ा सवाल तो यह है। इसका मतलब यह नहीं है कि भारत के पास इसे कराने की तकनीकें मौजूद नहीं बल्कि भारत भी कई सालों में देश के कई हिस्सों में कृत्रिम बारिश करा चुका है। लेकिन इतनी जानलेवा स्थिति में भी इस ऑप्शन पर विचार नहीं किया जा रहा है।

तीन साल पहले भी हुई थी तैयारी

साल 2018 में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम बारिश करवाने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। आईआईटी के प्रोफेसर्स को कृत्रिम बारिश करवाने के लिए इसरो से विमान भी मिल गया था, लेकिन मौसम अनुकूल न होने की वजह से कृत्रिम बारिश नहीं करवाई जा सकी।

Pic credit- pexels


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