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New Coronavirus Strain: क्या कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण भी अलग हैं? क्या वैक्सीन इससे बचा सकेगी?

New Coronavirus Strain सभी तरह के वायरस म्यूटेट करते हैं लेकिन कोविड-19 के नए स्ट्रेन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण भी अलग होंगे आसानी से प्रसार फैलेगा।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 01:32 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 01:32 PM (IST)
New Coronavirus Strain: क्या कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण भी अलग हैं? क्या वैक्सीन इससे बचा सकेगी?
क्या कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण भी अलग हैं? क्या वैक्सीन इससे बचा सकेगी?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। New Coronavirus Strain: लगभग एक साल बाद भी कोरोना वायरस दुनियाभर में फैलता जा रहा है, साथ ही इसकी वैक्सीन लगने का पहला चरण भी शुरू हो चुका है। इसी बीच एक नई वैज्ञानिक खोज ने सबकी नींदें उड़ा दी हैं। कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट ने लंदन और इंग्लैंड के हिस्सों में कहर मचाया हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का ये नया स्ट्रेन बाकी स्ट्रेनों से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है। जिसकी वजह से एक बार फिर इंग्लैंड कड़े मानदंडों और लॉकडाउन को लागू करने के लिए मजबूर हो गया है।   

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कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बारे में क्या पता है?

सभी तरह के वायरस म्यूटेट करते हैं, लेकिन कोविड-19 के नए स्ट्रेन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण भी अलग होंगे, आसानी से प्रसार फैलेगा और त्योहार के समय मामले तेज़ी से बढ़ सकते हैं। तो आइए कोरोना के नए स्ट्रेन से जुड़े कुछ संदेह को दूर करते हैं और उसके ख़तरों को समझते हैं:

इस स्ट्रेन के बारे में कब पता चला?

नए कोविड स्ट्रेन से जुड़े पहले मामलों की पहचान पिछले हफ्ते (16 दिसंबर) की शुरुआत में ही हो गई थी, जबकि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि म्यूटेशन के शुरुआती सबूत सितंबर के आसपास देखे गए होंगे। ब्रिटेन के जिलों में वायरस का म्यूटेशन 1108 जनहानि का कारण बना है। अगर संख्या को देखा जाए, तो लंदन में 60% से अधिक मामले कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण हुए हैं और आने वाले हफ्तों में मामले बढ़ सकते हैं जिसके लिए अधिकारियों ने तैयारी कर दी है। 

कोरोना का नया स्ट्रेन बाकियों से कैसे अलग है?

पिछले साल के दौरान, वैश्विक रूप से कोविड के कई उपभेदों यानी स्ट्रेन की पहचान की गई है। वायरस का वर्तमान म्यूटेशन, जो अब ब्रिटेन का सबसे आम वायरस संस्करण है, में वायरस के स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन हैं, जो शरीर पर एक हमले को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कई केस स्टडीज़ ने सुझाव दिया है कि सबसे बड़ा अंतर इस बात से पड़ सकता है कि म्यूटेशन सिस्टम इम्युनिटी गार्नरिंग सेल्स के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है- जो प्रथम-स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि नया B.1.1.7 उत्परिवर्तन में ORF8 जीन का एक छोटा संस्करण है, जो एंटीजेनेसिटी को बदल सकते हैं, यानी प्रणाली में प्रतिरक्षा एंटीबॉडी द्वारा मान्यता के लिए महत्वपूर्ण है, और पिछले उपभेदों की तुलना में तेजी से और अधिक शक्तिशाली रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करने में सक्षम हो सकता है। शायद यह भी एक कारण हो सकता है कि इसे सुपर संक्रामक स्ट्रेन कहा जा रहा है।

क्या इसके लक्षण अलग हैं?

कोविड के नए वैरिएशन के लक्षण ख़तरनाक हैं या नहीं इसका पता लगाना अभी बाकी है। हालांकि, मेडिकल अधिकारियों ने इस स्ट्रेन के बारे में कहा कि यह पिछले स्ट्रेन से 70 प्रतिशत ज़्यादा संक्रामक है। इसका मतलब ये हुआ कि ये वायरस पिछले स्ट्रेन से कहीं तेज़ी से फैलेगा। नए संस्करण के साथ अब तक दर्ज किए गए अधिकांश मामलों में- मतली, गंध की हानि, खांसी, बुखार और ठंड लगना जैसे लक्षण ही देखे गए हैं।

क्या इसका पता लगाना और इलाज मुश्किल है?

अगर इस म्यूटेशन का इलाज मुश्किल होता, अभी तक कई लोगों की जानें चली गई होती। अच्छी बात है कि ऐसा कुछ अभी तक नहीं हुआ है। अभी तक ये देखा गया है कि जो लोग पहले से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में थे, उनमें इस वैरिएशन से संक्रमित होने के आसान कहीं ज़्यादा हैं। साथ ही इसका व्यक्ति के लिंग और उम्र का भी असर पड़ता है।   

क्या नई म्यूटेशन पर वैक्सीन काम करेगी?

बायोलॉजिस्ट का कहना है कि म्यूटेशन की वजह से वायरस के प्रोटीन स्पाइक में बदलाव आए हैं, लेकिन ACE2 रिसेप्टर्स पर कोई असर नहीं पड़ा है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है और इसलिए वायरस में किसी भी तरह के म्यूटेशन से इम्यूनोजेनिसिटी में बदलाव नहीं आएगा। इसका मतलब ये हुआ कि वैक्सीन किसी भी तरह के कोरोना म्यूटेशन से लड़ने में कामयाब होगी।

जब तक उत्परिवर्तन आक्रामक नहीं होते, तब तक वैक्सीन सभी लोगों को कुछ हद तक संक्रमणों से बचाने में काम करेगी। यह सब वैक्सीन की क्षमता पर निर्भर करता है।

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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