Coronavirus Test: अब ब्लड टेस्ट बताएगा, आपको कोविड-19 होने का ख़तरा कितना बड़ा है
Coronavirus Testवैज्ञानिकों ने रक्त में एक खास आणविक हस्ताक्षर की पहचान की जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 5 से 10 गुना बढ़ा देता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Test: वैज्ञानिकों का कहना है कि अब एक आसान से ब्लड टेस्ट से पता लग सकेगा कि एक व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमण का ख़तरा कितना है। वैज्ञानिकों ने रक्त में एक विशेष आणविक हस्ताक्षर की पहचान की है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 5 से 10 गुना बढ़ा देता है।
फिंलैंड के बायोटेक्नोलॉजी कंपनी, नाइटेंगेल हेल्थ के वैज्ञानिकों के मुताबिक, परीक्षण का उपयोग उन लोगों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है, जिन्हें संक्रमण से बचने के लिए COVID-19 वैक्सीन की सबसे अधिक आवश्यकता है और उनके लिए प्राथमिकता से वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि ऐसे स्वस्थ लोगों की पहचान करना इस वक्त एक वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बन गई है, जिनके गंभीर COVID-19 से बीमार पड़ने की उम्मीदें सबसे ज़्यादा है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया कि क्या रक्त संकेतक इस बात का पूर्वानुमान व्यक्त कर सकते हैं कि किन लोगों को निमोनिया और कोविड-19 जैसी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती होने का अधिक जोखिम है।
उन्होंने यूके बायोबैंक से एक लाख से अधिक रक्त नमूनों का विश्लेषण किया और रक्त में मौजूद उस खास अणु संकेतक की पहचान की जो यह बता सकता है कि किन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक जोखिम है। वैज्ञानिकों ने कहा कि जिन लोगों के रक्त में यह अणु संकेतक है, उन लोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने का खतरा पांच से दस गुना अधिक बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ये निष्कर्ष नया हैं, क्योंकि इससे पहले आणविक हस्ताक्षर में रक्त बायोमार्कर को स्वस्थ लोगों में जोखिम के रूप में नहीं माना जाता था। कंपनी एक रक्त परीक्षण शुरू करने जा रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि कोविड-19 के कारण कोई व्यक्ति हल्के या गंभीर लक्षणों के साथ बीमार पड़ेगा या नहीं।
शोध के लीड पीटर वुर्ट्ज़ का कहना है, "उच्च जोखिम वाले लोगों का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि उनके कई बायोमार्कर के आणविक हस्ताक्षर को देखा जाए।"