शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के साथ नॉर्मल डिलीवरी के लिए, आज से ही शुरु करें ये 5 एक्सरसाइज
नॉर्मल डिलीवरी के साथ प्रेग्नेंसी में भी अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए योग और एक्सरसाइज का रोल बहुत ही खास होता है। तो किस तरह के वर्कआउट ऐसे में रहेंगे बेस्ट जानें यहां।
आमतौर पर ऐसी धारणा रही है कि प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि इस अवस्था में आपको अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखना चाहिए। प्रेग्नेंसी में की जाने वाली एक्सरसाइज से न केवल शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है, बल्कि डिलीवरी भी आसान हो जाती है। तो जानेंगे कौन सी एक्सरसाइजेज़ ऐसे में करना चाहिेए..
1. सीटिंग एक्सरसाइज
जमीन पर पैर सीधा करके बैठें। अपने टखनों को पकड़कर पैरों को पेल्विक एरिया की ओर ले जाएं। दोनों हाथों से घुटनों पर दबाव डालकर उन्हें जमीन से इस तरह टच कराने की कोशिश करें कि ऐसे करते हुए आपकी थाइज के भीतरी हिस्से में तनाव महसूस हो। इस एक्सरसाइज को दस बार करके उसे एक सेट मानें और इसके तीन सेट करें। इससे पेल्विक एरिया की मांसपेशियों में लचीलापन आता है और नॉर्मल डिलीवरी भी आसान हो जाती है।2. स्क्वॉटिंग एक्सरसाइज
पंजों के बल पीठ सीधी करके सहजता से बैठें। अब अपने दों हाथों को इनर थाइज के सामने रखें। अपनी पूरी क्षमता के अनुसार ग्रॉइन को स्ट्रेच करें। इस प्रक्रिया को 5 बार करके एक सेट मानें, इसके भी तीन सेट करें। इस एक्सरसाइज से आपका शरीर नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार हो जाता है।
3. पेल्विक टक-इन्स
घुटने मोड़कर आगे की ओर झुकते हुए दोनों हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। ध्यान रहे कि दोनों घुटनों के बीच 12 इंच का फासला हो। अंदर की ओर सांस खींचते हुए हिप्स मसल्स को संकुचित रखें और पेल्विक एरिया के मसल्स को अंदर की तरफ इस तरह सिकोड़ें कि इस अवस्था में आपकी कमर झुकी हुई कमान की तरह दिखे। अब अपनी ठुड्डी झुकाकर छाती से सटाएं और झुकी हुई कमर सीधी रखें। इस अवस्था में 30 सेकेंड तक रुकें और धीरे-धीरे पहली अवस्था में लौट आएं। ऐसा करते समय अपनी कमर को क्षमता से अधिक न झुकाएं।
4. काफ रेज़
दीवार की ओर मुंह करके, सीधी खड़ी हो जाएं। अब दोनों पैरों के अंगूठों को सटाते हुए पंजों को थोड़ा सा ऊपर उठाएं। ध्यान रहें कि आपके शरीर का पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से पड़े। रीढ़ की हड्डी को खींचकर सीधी करें और दोनों पैरों के पंजों को धीरे-धीरे वापस जमीन से टच कराएं। कम से कम 10 बार करें।
5. फॉरवर्ड लंज
अपना दाहिना पैर आगे करके उसे इस तरह मोड़ें कि पीछे वाले बायां पैर की पिंडलियों में तनाव महसूस हो। अब दोनों हाथों को दाहिने पैर पर टिकाएं और एक सेकेंड के बाद सामान्य अवस्था में वापस लौट आएं। इसके बाद बायां पैर आगे करके यही प्रक्रिया दोहराएं। इसी तरह दोनों पैरों को आगे-पीछे करके कम से कम 10 बार यही प्रक्रिया दोहराएं। ध्यान रखें कि शरीर का पूरा भार पैरों पर पड़े।