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हमेशा खुश रहेगी पत्नी

अक्सर लोग कहते हैं कि पत्नी को खुश रखना टेढ़ी खीर है, जबकि हकीकत इसके विपरीत होती है। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर पत्नी को खुश रखा जा सकता है। -जीवन में आनंद का रस घोलने के लिए केवल रुपये-पैसों की ही जरूरत नहीं होती। कभी साथ बैठकर पुरानी यादों में खोकर भी तो देखें। -सा

By Edited By: Published: Wed, 08 Oct 2014 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 08 Oct 2014 12:55 PM (IST)
हमेशा खुश रहेगी पत्नी
हमेशा खुश रहेगी पत्नी

अक्सर लोग कहते हैं कि पत्नी को खुश रखना टेढ़ी खीर है, जबकि हकीकत इसके विपरीत होती है। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर पत्नी को खुश रखा जा सकता है।
-जीवन में आनंद का रस घोलने के लिए केवल रुपये-पैसों की ही जरूरत नहीं होती। कभी साथ बैठकर पुरानी यादों में खोकर भी तो देखें।
-साथ-साथ धार्मिक कार्यो में हिस्सा लें। यह तो आपने सुना ही होगा कि आस्था संघर्ष से जूझने की शक्ति देती है।
-दांपत्य जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए सबसे जरूरी है कि बीती बातों पर चर्चा न करें।
-जब भी हंसी का कोई अवसर आए तो स्वयं हंसें और अपने साथी को भी यह अवसर प्रदान करें। हंसने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
-प्रतिदिन एक-दूसरे के लिए थोड़ा समय निकालें। इस दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करें। चर्चा करने के दौरान दोनों को एक-दूसरे की बातों को गौर से सुनना चाहिए।
-याद रखिए दुनिया में कोई भी दो लोग एक समान विचारधारा के नहीं होते, इसलिए जो जैसा है, उसे उसी रूप में स्वीकार करने की आदत डालें।
-आप दोनों कितने भी व्यस्त रहते हों, सुबह या शाम साथ टहलने की आदत डालिए। इससे न सिर्फ आप दोनों की सेहत बढि़या रहेगी, बल्कि हल्की फुल्की बातों पर चर्चा करने का मौका भी मिलेगा।
-एक-दूसरे को सरप्राइज गिफ्ट अवश्य दें। उपहार संबंधों को मजबूत करने का बढि़या माध्यम हैं।
-सराहना में बड़ी शक्ति होती है। समय-समय पर एक-दूसरे की सराहना अवश्य करें।
-अपने सपनों के बारे में आपस में चर्चा करें। इससे एक-दूसरे की बातों को समझने का मौका मिल जाता है।
-कोई भी रिश्ता हो, समझौता बहुत जरूरी है। दांपत्य जीवन में तो सबसे अहम् भूमिका निभाता है समझौता। यदि किसी बात पर साथी से असहमत हैं तो भी ठंडे दिमाग से समस्या पर बातचीत करें। प्रत्येक सफल रिश्ते में विचारों का आदान-प्रदान सकारात्मक भूमिका निभाता है।
-कभी-कभी अचानक बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाएं। सरप्राइट विजिट से मन में खुशी का जो भाव उठता है, उसकी तुलना किसी और बात से नहीं की जा सकती।
-महीने में एक-दो बार लांग ड्राइव पर जरूर जाएं। इस बात की प्रतीक्षा न करें कि आपके जीवन में कोई रोमांटिक क्षण आएगा, बल्कि रोमांटिक क्षण लाने की कोशिश करें।
-एक-दूसरे को क्वालिटी टाइम देने की कोशिश करें। इस दौरान सिर्फ अपनी ही बात करें। घर, परिवार, समाज की बात करने के लिए विशेष समय निकालने की आवश्यकता नहीं होती।
-जीवन में कई बार कलह केवल इसलिए उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि हम आपस में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने लगते हैं।
-अपने को बदलना आसान नहीं होता, लेकिन अगर थोड़े से बदलाव से आपसी प्रेम-विश्वास बढ़ सकता है तो सकारात्मक परिवर्तन करने में हिचक न महसूस करें।
-जीवन में गलतियां तो सभी से होती हैं, लेकिन सफल वही होता है, जो इनसे सबक लेता है।
-पुरुषों को यह लगता है कि महिलाएं कोई बड़ी चीज पाकर ही खुश होती हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। महिलाओं के लिए उपहार चाहे छोटा हो या बड़ा एक समान होता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इसका कारण यह है कि छोटी चीजों से महिला के दिल में यह संदेश जाता है कि आप उसका कितना ख्याल रखते हैं।
-जब पत्नी आपसे बात करे तो उसकी तरफ पूरा ध्यान दें। अगर आपको यह महसूस होता है कि वह थकी हुई है या परेशान है तो कारण जानकर उसकी मदद करने की कोशिश करें।
-उसका मूड देखकर टिप्पणी करना सीखें, जैसे आज तुम बहुत प्रसन्न दिखाई दे रही हो या आज तुम बहुत थकी नजर आ रही हो। इस तरह के वाक्य साथी के दिमाग पर गहरा असर डालते हैं। यदि वह खुश है तो उसकी खुशी बढ़ जाएगी और यदि वह थकी हुई है तो उसकी थकावट कम हो जाएगी।
-जिस प्रकार पुरुष को यह जरूरत महसूस होती है कि उसे थोड़ा सा स्पेस मिले, उसी प्रकार महिला को भी यह जरूरत महसूस होती है। आपका रिश्ता कितना ही मधुर क्यों न हो। स्पेस की दरकार हरेक को होती है। स्पेस का अर्थ है कि एक-दूसरे से जुड़े रहते हुए भी स्वतंत्रता की अनुभूति। इससे आप दोनों ही संपूर्णता का अहसास करेंगे।
-दांपत्य जीवन में कभी भी अविश्वास रूपी पौधे को न पनपने दें। यह वह पौधा है, जो बहुत जल्द बड़ा होकर खुशियों को ढक लेता है। इससे जीवन में प्रेम रूपी रोशनी नहीं आ पाती। रोशनी न मिलने से प्रेमरूपी हरा-भरा वृक्ष धीरे-धीरे सूखने लगता है।
-अवकाश वाले दिन घरेलू कार्यो में उसकी मदद करें। उदाहरण के लिए ब्रेक फास्ट या लंच या फिर डिनर आप तैयार कर सकते हैं। यदि आपको खाना बनाना नहीं आता तो अन्य घरेलू कार्यो में पत्नी से पूछकर मदद कर सकते हैं।
-यदि आपका साथी आपकी किसी बात को अच्छे से समझ लेता है तो उसे इसके लिए धन्यवाद देना न भूलें।
-जीवनसाथी को अपना दोस्त बनाने का मौका और अधिकार दें।
-कभी-कभी बच्चों की बातों को लेकर ही दांपत्य में खटास आ जाती है, इसलिए पहले उन स्थितियों को समझने का प्रयास करें, जिस वजह से वह बात घटित हुई हो।
-जब भी दोनों में से किसी एक को क्रोध आए तो उस समय दिमाग पर थोड़ा संयम रखें। क्रोध की स्थिति में हमारा दिमाग सही ढंग से कार्य नहीं करता है। क्रोध में कोई ऐसी बात न कहें जिसके लिए पछताना पड़े।
-कभी-कभी दांपत्य में केवल इसलिए कटुता आ जाती है, क्योंकि आप दोनों एक-दूसरे के परिवार वालों पर दोषारोपण करने लगते हैं। याद रखिए जिंदगी भर साथ आपको रहना है। परिवार वालों को दोष देना कहां तक उचित है।
(अनुभा अरोड़ा)


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