गर्मियों में फैशनेबल बनने के चक्कर में हो सकते हैं ट्रैनिंग के शिकार, ऐसे बचें
सूर्य की नुकसानदेह अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव के लिए स्किन में एक्स्ट्रा मैलेनिन बनने लगता है, जिससे स्किन की बाहरी लेयर काली पड़ जाती है। अगर आप भी टैनिंग से परेशान हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
टैनिंगफ्रीस्किन सूर्य की नुकसानदेह अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव के लिए स्किन में एक्स्ट्रा मैलेनिन बनने लगता है, जिससे स्किन की बाहरी लेयर काली पड़ जाती है। अगर आप भी टैनिंग से परेशान हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कैसे करें बचाव
अगर आप टू-व्हीलर चलाती हैं तो हमेशा फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें। साथ में हेलमेट और सनग्लास पहनना भूलें।
बाहर निकलने से पहले चेहरे सहित शरीर के सभी खुले हिस्सों पर कम से कम 30 एसपीएफ पावर का सनस्क्रीन लोशन ज़रूर लगाएं। सनस्क्रीन खरीदते समय पैकेट पर दिए गए पीए रेटिंग को ज़रूर चेक करें, उस पर +++ अंकित होना चाहिए, इस निशान से यह मालूम हो जाता है कि सनस्क्रीन कितनी असरदार होगी।
इस मौसम में जयादा स्क्रबिंग न करें, इससे त्वचा छिल सकती है।
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो गर्मियों में ब्लीच का इस्तेमाल न करें।
संतरा, मौसमी, अंगूर और अनन्नास जैसे खट्टे फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। इनमें मौज़ूद विटमिन सी त्वचा को टैनिंग से बचाता है।
अगर आप स्विमिंग करती हैं तो इसके लिए सुबह या शाम को 7-8 बजे का समय चुनें ताकि तेज़ धूप से आपकी त्वचा को नुकसान न पहुंचे।
कुछ स्त्रियां हलकी धूप होने पर सन स्क्रीन लगाना छोड़ देती हैं। ऐसा न करें क्योंकि सूर्य की हानिकारक किरणें वातावरण में हमेशा मौज़ूद रहती हैं।
कुछ लड़कियां टैनिंग से बचने के लिए चेहरे पर स्कार्फ बांध लेती हैं पर इस मामले में यह ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि स्कार्फ का सूती फैब्रिक इतना मोटा हो कि आर-पार रोशनी न जाए।
अगर इन उपायों से टैनिंग दूर न हो तो डॉक्टर की सलाह पर एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से युक्त दवाओं का सेवन करें।
अंडरआई प्रॉब्लम
डार्क सर्कल्स : आमतौर पर इस समस्या के लिए आनुवंशिकता को जि़म्मेदार माना जाता है। इसके अलावा एनीमिया, नींद की कमी या लंबी बीमारी के कारण भी डार्क सर्कल्स हो सकते हैं।
बचाव एवं उपचार : अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जि़यों के अलावा आयरन से भरपूर फलों जैसे- सेब, केला, अनार और खजूर आदि को प्रमुखता से शामिल करें।
सात-आठ घंटे की नींद ज़रूर लें।
आंखों पर घिसे हुए कच्चे आलू या खीरे का पैक लगाना भी डार्क सर्कल्स से बचाव में मददगार होता है।
आंखों के नीचे स्किन लाइनिंग क्रीम लगाने से भी यह समस्या दूर हो जाती है।
अगर डार्क सर्कल्स बहुत गहरे हों तो लेज़र और पीलिंग ट्रीटमेंट से भी इन्हें दूर किया जा सकता है।
ज़ेथिल्ज़मा : कुछ लोगों की आंखों के चारों ओर स$फेद रंग के पैचेज़ दिखाई देते हैं, दरअसल यह बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का जमाव होता है। फैटयुक्त चीज़ों या एल्कोहॉल का अधिक मात्रा में सेवन इस समस्या की प्रमुख वजह है। यह समस्या स्त्री-पुरुष किसी को भी हो सकती है। उम्र बढऩे के साथ अकसर इसके लक्षण नज़र आते हैं।
बचाव एवं उपचार : स्वस्थ खानपान और नियमित दिनचर्या अपनाएं। इसके बावज़ूद अगर ऐसी समस्या हो तो लेज़र विधि से इसका उपचार संभव है।
अंडर आई बैग्स : उम्र बढऩे के साथ पलकों को सपोर्ट देने वाली मांसपेशियां कमज़ोर पडऩे लगती हैं। इससे आंखों के नीचे थोड़ी खाली जगह बन जाती है और उसमें फ्लूइड का जमाव हो जाता है। इससे आंखों के निचले हिस्से में सूजन दिखाई देती है।
बचाव एवं उपचार : नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें, रात को सोने से पहले यादा पानी न पिएं, आइस बैग से आंखों की सिंकाई भी इस समस्या से बचाव में मददगार होती है। अगर इन प्रयासों के बावज़ूद समस्या दूर न हो तो ब्लीफेरोप्लास्टी नामक सर्जरी से इसका स्थायी समाधान हो जाता है।
वॉटरप्रूफमेकअप
इस मौसम में पसीना मेकअप को टिकने नहीं देता। फाउंडेशन मेल्ट हो जाता है, आईलाइनर फैलता है तो लिपस्टिक जल्दी गायब हो जाती है। पसीना आने पर मेकअप पैची सा दिखाई देने लगता है। इन्हीं समस्याओं से बचने के लिए वॉटरप्रूफ मेकअप किया जाता है।
क्या है वॉटरप्रूफ मेकअप
वॉटरप्रूफ मेकअप प्रोडक्ट्स सिलिकॉन के प्रयोग से बनाए जाते हैं। इनमें प्रयोग होने वाला डाइनोथिकोन ऑयल त्वचा को चमकदार बनाता है। यह मेकअप को आसानी से फैलने में मदद करता है। इन प्रोडक्ट्स में वॉटरप्रूफ फेस बेस, मस्कारा, काजल और लॉन्ग लास्टिंग लिपस्टिक आदि शामिल हैं।
इस मेकअप से पहले चेहरे पर स्किन प्राइमर लगाएं। यह जेल जैसी क्रीम होती है, जिसे फाउंडेशन या टिंटेड मॉयस्चराइज़र से ठीक पहले लगाया जाता है। प्राइमर स्किन को फाउंडेशन और अन्य मेकअप के लिए तैयार करता है। यह फाउंडेशन को एब्ज़ॉर्ब कर लेता है और चेहरे को केकी लुक नहीं देता। इससे पोर्स भी नहीं दिखते। प्राइमर हथेली पर लेकर चेहरे पर थपथपा लें। यह दिन भर असरदार रहता है।
प्राइमर लगाने के बाद वॉटरप्रूफ बेस लगाएं या लॉन्ग स्टे फाउंडेशन भी इस्तेमाल कर सकती हैं। लॉन्ग स्टे के लिए टू-वे केक पाउडर लगाएं। इसे हलके गीले स्पॉन्ज से लगा सकती हैं या फिर बेस या फाउंडेशन लगाने के बाद लूज़ पाउडर लगाएं।
पाउडर या वॉटरप्रूफ कॉम्पैक्ट त्वचा से फाउंडेशन की जयादा चमक को एब्ज़ॉर्ब कर लेता है, जिससे नैचरल ग्लोइंग त्वचा मिलती है। गर्मियों में पाउडर बेस्ड प्रोडक्ट्स का प्रयोग करना अच्छा रहता है। गुलाबी निखार के लिए त्वचा के मुताबिक,रोज़ पिंक या लाइट कोरल शेड का ब्लशऑन लगाएं।
मेकअप को लंबे समय तक टिकाना हो तो वैक्सी आईशैडो प्राइमर यूज़ करें। फिर वॉटरप्रूफ आईलाइनर लगाएं। इसे खरीदते समय ध्यान रखें कि लगाने के बाद वह जल्दी सूखे नहीं और उसमें दरार न आए।
फाइनल टच के लिए वॉटरप्रूफ मस्कारा लगाएं। इसे रूट्स से शुरू करते हुए ऊपर की ओर लगाएं। काजल भी वॉटरप्रूफ लगाएं।
कलर स्टे वन स्ट्रोक डीफाइनिंग आईलाइनर की मदद से आंखों को मिलती है बेहतरीन शेप। एक बार लगाने पर ही आंखों पर लाइनिंग करना आसान हो जाएगा क्योंकि इसकी पेंसिल की लीड सिलिकॉन जेल से भरी होती है, जिसके इस्तेमाल से त्वचा नर्म व मुलायम रहती है।
चिपचिपे मौसम में लिपस्टिक भी ऐसी हो, जो देर तक टिके मगर इस पर लिप ग्लॉस लगाने से बचें। मेट लिपस्टिक का उपयोग कर सकती हैं।
आजकल कई ऐसे स्प्रे भी आते हैं, जो मेकअप को सेट रखते हैं। इन्हें 8 या 10 इंच की दूरी से चेहरे पर स्प्रे करें।
वॉटरप्रूफ मेकअप हटाने के लिए बेबी ऑयल या सिलिकॉन ऑयल का प्रयोग करें।
वॉटरप्रूफ मस्कारा और आईलाइनर को हटाने के लिए बादाम का तेल भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसे आंखों पर लगा कर हलके हाथों से मसाज करें। आई लाइनर को निकालने के बाद हलके गुनगुने पानी से चेहरे को अच्छी तरह साफ कर लें।