कान-नाक छिदवाने जा रही हैं तो किसी तरह के संक्रमण और दर्द से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
कान-नाक छिदवाना महिलाओं से लेकर पुरुषों तक के फैशन का हिस्सा बन चुका है लेकिन इसे छिदवाने के बाद कुछ बातों का खास ध्यान रखना पड़ता है वरना छेद तो बंद हो ही जाता है साथ ही संक्रमण भी फैल सकता है।
पियर्सिंग यानी कान-नाक छिदवाने का ट्रेंड नया नहीं है लेकिन इन पिछले कुछ सालों से काफी ट्रेंड में है। पहले जहां पियर्सिंग सिर्फ महिलाएं और लड़कियां ही करवाती थी वहीं अब लड़के भी इसे डिफरेंट और स्टाइलिश लुक के लिए ट्राय कर रहे हैं।और तो और इन दिनों कान में एक नहीं बल्कि ऊपर तक चार-पांच छेद भी करवाए जा रहे हैं। कुछ लोग तो कान के अलावा नाभि, होंठ और यहां तक कि पलक के कोने में भी छोटी बालियां पहन रहे हैं। लेकिन पियर्सिंग करवाने के बाद छेद बंद न हो जाए या इंफेक्शन न हो जाए इसके लिए कुछ बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे...
1. बार-बार छूना अवॉयड करें
नाक या कान जहां भी पियर्सिंग करवाई है वहां बार-बार हाथ न लगाएं। क्योंकि इससे संक्रमण होने की पूरी-पूरी संभावना रहती है और दर्द भी होता रहता है।
2. बहुत ज्यादा सफाई भी सही नहीं
ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इससे गुड बैक्टीरिया का भी सफाया हो जाता है जो संक्रमण और दूसरे खतरनाक प्रभावों से स्किन को सुरक्षित करने का काम करते हैं। दिन में दो बार की सफाई काफी है।
3. जूलरी को घुमाती रहें
तुरंत छिदे कान-नाक में पहले प्लास्टिक की तार पहनाई जाती है फिर जब छेद पक्का हो जाता है तो ज्यूलरी...लेकिन अगर नाक-कान छिदवाने के तुरंत बाद ही कोई ज्यूलरी पहन रही हैं तो बेशक दर्द तो होगा लेकिन इस ज्यूलरी को घुमाती रहें। इससे छेद बंद नहीं होगा।
4. कुछ भी न लगा लें
नाक-कान में छेद करवाने पर घाव जल्दी भरने के लिए लोग तमाम तरह के घरेलू नुस्खे अपनाने लगते हैं, जो पूरी तरह से सही नहीं..कई बार ये घरेलू नुस्खे उल्टा असर भी कर सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें।बड़ों पर तो एकबारगी फिर भी ये घरेलू नुस्खे काम कर सकते हैं लेकिन बच्चों के साथ न ही करें तो बेहतर। एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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