इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप भी आसानी से सीख सकती हैं स्टाइलिंग की A,B,C, D
आज जब प्रेजेंटेबल दिखना हर स्त्री की जरूरत है तो स्टाइलिंग का महत्व और ज्यादा हो गया है। ऐसे में महज कुछ बातों का ध्यान रखकर आप भी स्टाइलिंग का ए बी सी डी सीख सकती हैं।
वैसे तो स्टाइलिंग एक आर्ट है। लेकिन लगातार कोशिशों से इसे सीखना नामुमकिन नहीं और इसमें इंस्टाग्राम, यूट्यूब और पिनट्रेस्ट जैसी सोशल साइट्स भी काफी मददगार साबित हो रही हैं। स्टाइलिंग का सबसे पहला रूल है कि आपको अपना बॉडी टाइप और कॉम्प्लेक्शन पता होना चाहिए। इसके आधार पर आउटफिट्स और एक्सेसरीज चुनना आसान हो जाता है। अगर आपकी अपर बॉडी हैवी है तो हमेशा गहरे रंग के अपरवेयर्स चुनें, वहीं अगर लोअर बॉडी बल्की है तो गहरे रंग के बॉटमवेयर्स।
कॉम्बिनेशंस रखते हैं बहुत मायने
अगर आप रैप अराउंड स्कर्ट पहन रही हैं तो इसे टैंक टॉप या पेस्टल कलर की कुर्ती के साथ कंबाइन करें। इसके साथ छोटा स्टोल या हेडरैप और कलरफुल ज्यूलरी भी कैरी कर सकती हैं। वहीं अगर आप कॉरपोरेट सूट पहन रही हैं तो उसके साथ डीसेंट स्कार्फ, छोटे इयर स्टड्स और रिस्ट वॉच कैरी करें। डीप नेक फॉर्मल गाउन के साथ चोकर अच्छा लगेगा। इसके साथ फॉर्मल पीपटोज पहनें। फेस्टिव लुक पाने के लिए सिंगल कलर्ड लहंगे-चोली के साथ स्टोन ज्यूलरी कैरी करें।
सही को-ऑर्डिनेशन जरूरी
कुछ लोगों के लिए स्टाइलिंग का मतलब बस फैशनेबल और महंगे कपड़े पहनना ही होता है लेकिन इसका सही मतलब है अपने बॉडी टाइप और कॉम्प्लेक्शन के हिसाब से आउटफिट्स और एक्सेसरीज चुनना, को-ऑर्डिनेशन और उस पर किस तरह एक्सेसरीज़ पहनना रहेगा सही। इसके बाद बारी आती है हेयरस्टाइल और मेकअप की। उदाहरण के लिए अगर आपके पास वेस्टकोट है तो उसे वेस्टर्न ही नहीं ट्रेडिनशनल वेयर्स पर भी कैरी कर आप पा सकती है डिफरेंट और स्टाइलिश लुक।स्टाइलिंग फैशन का सबसे अहम हिस्सा है। भले ही आप बडे से बडे डिजाइनर के महंगे से महंगे परिधान खरीद लें, लेकिन अगर आपने उनकी स्टाइलिंग ठीक से नहीं की है, तो वे आप पर अच्छे नहीं लगेंगे। आज जब प्रेजेंटेबल दिखना हर स्त्री की जरूरत है, तो स्टाइलिंग का महत्व और ज्यादा हो गया है।
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