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विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट

1. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने ऐसी नई तकनीक विकसित की है, जिससे कैंसरजनित कोशिकाओं का आपरेशन करने में काफी मदद मिलती है। यह तकनीक आधारित है..

By Edited By: Published: Wed, 30 Jan 2013 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2013 05:13 PM (IST)
विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट

1. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने ऐसी नई तकनीक विकसित की है, जिससे कैंसरजनित कोशिकाओं का आपरेशन करने में काफी मदद मिलती है। यह तकनीक आधारित है..

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(क) रेडियोमीट्रिक एक्टिवेटबल सेल पेनिट्रेटिंग पेप्टाइड्स

(ख) लेजरमीट्रिक एक्टिवेटबल सेल पेनिट्रेटिंग पेप्टाइड्स

(ग) एक्टिवेटबल सेल पेनिट्रेटिंग पेप्टाइड्स

(घ) रेडियोमीट्रिक एक्टिवेटबल सेल पेनिट्रेटिंग जेल

2. एक प्रसिद्ध अमेरिकी संस्थान ने ऐसी पॉलिमर फिल्म विकसित की है, जो जल वाष्प से बिजली बना सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खोज से पर्यावरण सेंसर जैसे तमाम डिवाइसों में बिना बैटरी के लंबे समय तक बिजली की सप्लाई की जा सकेगी। यह महत्वपूर्ण खोज करने वाला संस्थान कौन सा है?

(क) यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया

(ख) मियामी यूनिवर्सिटी

(ग) एमआईटी

(घ) यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास

3. वाल्टर एंड एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने ऐसी खोज की है, जिससे मधुमेह के रोगियों को रोजाना इंजेक्शन लेने से मुक्ति मिल सकती है। यह खोज कौन सी है?

(क) इंसुलिन-रिसेप्टर बाइंडिंग की डाइमेंशनल इमेजेज

(ख) इंसुलिन-रिसेप्टर बाइंडिंग की टू-डाइमेंशनल इमेजेज

(ग) इंसुलिन-रिसेप्टर बाइंडिंग की थ्री-डाइमेंशनल इमेजेज

(घ) इंसुलिन की डाइमेंशनल इमेजेज

4. हारवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने ऐसी दवा विकसित की है, जिससे स्थायी बहरेपन का इलाज किया जा सकता है। यह दवा किस कोशिका को पुनर्जीवित करती है?

(क) सेंसरी इयर सेल्स

(ख) सेंसरी सेल्स

(ग) सेंसरी हेयर सेल्स

(घ) हियरिंग सेल्स

5. वैज्ञानिकों ने उस हानिकारक प्रोटीन की खोज की है, जो एक्जिमा रोग के लिए जिम्मेदार है। यह प्रोटीन कौन सी है?

(क) टीटिप 1

(ख) पीटिप 4

(ग) एनटिप 5

(घ) सीटिप 2

सही उत्तर- 1.क, 2.ग, 3.ग, 4.ग, 5.घ

आंतों का प्रत्यारोपण

कुछ दिनों पहले भारत में पहली बार आंतों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। आंतों का प्रत्यारोपण बेहद जटिल प्रक्रिया है। इसमें रिजेक्शन रेट काफी ज्यादा होती है। आंतों के प्रत्यारोपण के बाद इंफेक्शन का भारी खतरा रहता है। यही नहीं, रोगी को एक साल से भी ज्यादा समय तक गहन चिकित्सकीय निगरानी की जरूरत पडती है और कई बार अस्पताल में भर्ती भी होना पडता है। दरअसल, आंतों का प्रत्यारोपण तब किया जाता है, जब आंतें पूर्णतया या लगभग बेकार हो जाती हैं। भारत में आंतों के प्रत्यारोपण की लागत लगभग 30 लाख रुपये आती है और तकरीबन 2000 रोगियों को हर साल आंतों के ट्रांसप्लांट की जरूरत पडती है।

रामनयन सिंह


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