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विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट..

By Edited By: Published: Wed, 05 Dec 2012 06:01 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2012 12:00 AM (IST)
विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों से रहें अपडेट..

1. कुछ ही दिनों में भारत में डेंगू की सर्वाधिक प्रभावशाली वैक्सीन सीवाईडी-टीडीवी का ट्रायल होने जा रहा है। यह महत्वपूर्ण वैक्सीन बनाने वाली कंपनी कौन सी है?

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(क) थाइलैंड की सैनोफी पैस्ट्यूर

(ख) जापान की कैनोफी पैस्ट्यूर

(ग) फ्रांस की सैनोफी पैस्ट्यूर

(घ) जर्मनी की कैनोफी पैस्ट्यूर

2. फ्रांस और थाईलैंड के शोधकर्ताओं के अनुसार उपरोक्त वैक्सीन डेंगू के चार वायरसों में सिर्फ 3 वायरस पर प्रभावकारी है। डेंगू का वह कौन सा वायरस है, जिस पर इस नई वैक्सीन का असर नहीं होता?

(क) डीईएनवी 2

(ख) डीईएनवी 1

(ग) डीईएनवी 3

(घ) डीईएनवी 4

3. खगोल वैज्ञानिकों ने 170 प्रकाश वर्ष दूर एक ऐसे ग्रह की खोज की है, जो हमारे सौर्यमंडल के सबसे बडे ग्रह से 13 गुना बडा है। क्या आप बता सकते हैं कि सौर्यमंडल का सबसे बडा ग्रह कौन सा है?

(क) शनि

(ख) शुक्र

(ग) मंगल

(घ) बृहस्पति

4. पिछले दिनों अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ऐसा सिस्टम टेस्ट किया है, जिससे अंतरिक्षयान हेलीकॉप्टर की तरह लैंड कर सकेंगे। यह सिस्टम कौन सा है?

(क) लेजर लैंडिंग सिस्टम

(ख) रोटार लैंडिंग सिस्टम

(ग) फास्ट कॉप्टर लैंडिंग सिस्टम

(घ) लेजर कॉप्टर लैंडिंग सिस्टम

5. पिछले महीने ज्यादा सोने की बीमारी से ग्रस्त एक अमेरिकी लडकी लगातार 64 दिनों तक सोती रही। यह सोने की अद्भुत बीमारी कौन सी है?

(क) स्लीपिंग सिंड्रोम

(ख) स्लीपिंग ब्यूटी सिंड्रोम

(ग) स्लीपिंग ब्यूटी डिसआर्डर

(घ) डीप स्लीपिंग डिसआर्डर

सही उत्तर- 1.ग, 2.क, 3.घ, 4.ख, 5.ख

पेपर जितना मोटा बुलेटप्रूफ

पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने ऐसे अति मजबूत पतले मैटीरियल का विकास किया है, जिससे बने बुलेटप्रूफ की मोटाई मात्र पेपर जितनी होगी। राइस यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग एंड मैटीरियल साइंटिस्ट और प्रसिद्ध अमेरिकी तकनीकी संस्थान एमआईटी की एक टीम ने इस नए पॉलिमर कम्पोजिट मैटीरियल का विकास किया है। वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान पाया कि इस नए मैटीरियल की 20 नैनोमीटर मोटी लेयर 9 मिलीमीटर बुलेट को रोकने में सक्षम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए मैटीरियल से बुलेटप्रूफ के अलावा सैटेलाइट की सुरक्षा की जा सकेगी तथा जेट इंजन के टर्बाइन ब्लेडों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।

रामनयन सिंह


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