प्रैक्टिस से Success
सीटीईटी में सक्सेस होने के लिए जरूरी है कि पेडागॉगी, इवैल्यूशन और लैंग्वेज स्किल्स पर अधिक से अधिक फोकस करें। साथ ही ओल्ड क्वैश्चन पेपर से प्रैक्टिस और रिवीजन भी जरूरी है..
सीटीईटी एग्जाम, टीचर बनने वाले सभी स्टूडेंट्स के लिए कम्पल्सरी हो गया है। यही कारण है कि हर स्टूडेंट्स, जो टीचिंग से जुडना चाहता है, इस एग्जाम को दे रहा है। इस एग्जाम में टीचर बनने के लिए जरूरी एप्टीट्यूड और एटीट्यूड दोनों परखे जाते हैं। इसमें सक्सेस उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जो सिलेबस और ओल्ड क्वैश्चन पेपर्स को ध्यान में रखकर प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी बनाते हैं। अगर आप यह एग्जाम दे रहे हैं, तो इसके लिए अच्छी प्रिपरेशन भी कर चुके होंगे। अब टाइम है, फाइनल टच का। अगर इस बचे टाइम में राइट स्ट्रेटेजी बनाकर फाइनल टच देते हैं, तो 100 परसेंट सक्सेस मिलने के चांस हैं।
मेक राइट स्ट्रेटेजी
पैरामाउंट कोचिंग की माया चौधरी के मुताबिक इसका एग्जाम दो पार्ट में डिवाइड किया गया है। अगर प्राइमरी टीचर बनना चाहते हैं, तो फर्स्ट पेपर देना होगा और आठवीं तक की टीचर बनना चाहते हैं, तो सेकेंड पेपर देना होगा। अगर एलिजिबिल हैं, तो दोनों पेपर एक साथ देकर दोनों क्लास के लिए टीचर बनने की एलिजिबिलिटी हासिल कर सकते हैं। अगर दोनों पेपर दे रहे हैं, तो स्ट्रेटेजी भी अलग बनानी पडेगी और प्रिपरेशन के लिए टाइम भी अधिक निकालना होगा।
स्ट्रांग योर बेसिक्स
एक्सपर्ट के मुताबिक दोनों पेपर्स में पेडागॉगी इंपॉर्टेट है। दोनों पेपर्स में 60 से 70 क्वैश्चन इसी से आते हैं। आपके लिए जरूरी है कि इसकी डीप स्टडी करें। इंग्लिश में पोयट्री और प्रोज महत्वपूर्ण हैं, इससे 15 क्वैश्चन आते हैं। इसके अलावा लैंग्वेज स्किल्स, इवैल्यूशन इक्वैशंस और ग्रामर से भी क्वैश्चन पूछे जाते हैं। बेहतर होगा कि आप जिस सेक्शन में स्ट्रॉन्ग फील कर रहे हैं, उसी की तैयारी पर इस समय फोकस करें। अगर आपके बेसिक्स स्ट्रॉन्ग है, तो मैथ्स और हिंदी के लिए स्पेशल पै्रक्टिस करने की जरूरत नहीं है। यदि आठवीं क्लास तक टीचर बनना चाहते हैं, तो आपको अलग से एक सबजेक्ट का एग्जाम भी देना पडेगा। सबजेक्ट की तैयारी के लिए शॉर्ट नोट्स का रिवीजन इस समय बेस्ट है?
ओल्ड क्वैश्चन पेपर्स से प्रैक्टिस
माया कहती हैं कि एग्जाम के लिए कुछ दिन ही शेष बचे हैं। इस कारण इस टाइम प्रैक्टिस पर फोकस करें। ओल्ड क्वैश्चन पेपर्स को लेकर उसे सेट टाइम फॉर्मेट में सॉल्व करने की प्रैक्टिस करें। इससे एग्जाम में एकुरेसी व स्पीड से क्वैश्चन सॉल्व कर सकते हैं। इसके लिए पहले क्वॉलिफाइंग टारगेट फिक्स करें। इवैल्यूशन और लैंग्वेज स्किल्स से भी काफी क्वैश्चन पूछे जाते हैं। आपके लिए बेटर होगा कि प्रैक्टिस के दौरान कुछ इंपॉर्टेट चैप्टर्स या सेक्शन को एक जगह लिख लें और उससे रिलेटेड जितने भी क्वैश्चन आप पढ सकते हैं, अवश्य पढें। इसका एडवांटेज यह होगा कि आप एग्जाम में फाइनल टच बेहतर ढंग से दे पाएंगे। एग्जाम हॉल में पहले उसी सेक्शन को सॉल्व करें, जिसमें आप स्ट्रॉन्ग हैं। इसका बेनिफिट आपको रिजल्ट के रूप में मिलेगा।
इंटरैक्शन : विजय झा