CWE गेटवे ऑफ बैंकिंग सर्विसेज
आईबीपीएस एग्जाम में सक्सेस होने के लिए इंग्लिश और मैथ्स के साथ जनरल अवेयरनेस और कंप्यूटर की अपडेटेड नॉलेज है, तो आप इस एग्जाम में बेहतर स्कोर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए प्लानिंग जरूरी है..
पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी पोस्ट्स के लिए हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल (आईबीपीएस) ने एप्लीकेशंस मांगी हैं। बदले पैटर्न के तहत देश के प्रमुख 19 पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने कॉमन रिटेन एग्जाम के जरिए युवाओं के लिए जॉब का पिटारा खोला है। इस माध्यम से आप सिंगल एग्जाम देकर 19 गवर्नमेंट बैंक्स में पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी के लिए इंटरव्यू और जीडी दे सकते हैं। यही कारण है कि इस एग्जाम का युवाओं में काफी क्रेज है और इसकी तैयारी के लिए युवा हार्ड वर्क करते हैं।
एलिजिबिलिटी
इस एग्जाम को आप तभी दे सकते हैं, जब किसी भी सब्जेक्ट से किसी भी ग्रेड में ग्रेजुएट हों। अगर आप जनरल कैटेगरी में आते हैं, तो मैक्सिमम एज 30 साल और मीनिमम एज 20 साल है।
रिटेन एग्जाम
200 मार्क्स का एक रिटेन एग्जाम होगा, जिसमें रीजनिंग, इंग्लिश लैंग्वेज, क्वांटेटिव एप्टीट्यूड, कंप्यूटर नॉलेज और जनरल अवेयरनेस से रिलेटेड सब्जेक्ट्स शामिल होंगे। सभी क्वैश्चंस ऑब्जेक्टिव होंगे।
फोकस इंग्लिश-रीजनिंग पर
सुपर ब्रिलिएंट प्वाइंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर दीपक पांडे कहते हैं कि पीओ एग्जाम में सक्सेस उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जिनकी रीजनिंग और इंग्लिश बहुत अच्छी होती है। अक्सर स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम इन्हीं दो सेक्शन में आती है। रीजनिंग में वर्बल और नॉन-वर्बल दोनों तरह के क्वैश्चंस पूछे जाते हैं। दीपक कहते हैं कि अगर आप वर्बल में नंबर सीरीज, अल्फाबेट सीरीज, डायरेक्शन टेस्ट, कोडिंग-डिकोडिंग, नंबर रैंकिंग, अर्थमैटिकल रीजनिंग, ब्लड रिलेशन, एनॉलाजी, डिसीजन मेकिंग पर पकड बना लेते हैं, तो रीजनिंग काफी ईजी लगने लगेगी। नॉन-वर्बल में ग्रुपिंग, फिगर रिलेशनशिप और सीरीज के क्वैश्चंस की अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें।
मैथ्स में बेसिक्स स्ट्रॉन्ग हैं, तो आप टाइम मैनेजमेंट के बल पर बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं। हार्ड वर्क करके इसमें बेहतर स्कोर आसानी से ला सकते हैं। प्रैक्टिस के लिए आप ऑनलाइन मैटेरियल्स, अलग-अलग पब्लिकेशंस की ऑब्जेक्टिव मैथ्स स्टडी कर सकते हैं। इंग्लिश में कॉमन एरर, प्रिपोजीशन, सिनोनिम्स एंड एंटोनिम्स, स्पेलिंग रूल्स, सेंटेंस कंप्लीशन, सेंटेंस इंप्रूवमेंट, क्लोज टेस्ट से संबंधित क्वैश्चंस अधिक पूछे जाते हैं। इसमें ग्रामर 50 परसेंट पूछा जाता है। यदि इंग्लिश ग्रामर स्ट्रॉन्ग है तो बेहतर होगा कि आप स्ट्रॉन्ग सेक्शन को पहले पढें। दीपक कहते हैं, आपकी इंग्लिश वोकेबलरी तभी स्ट्रॉन्ग हो पाएगी, जब आप इसके रूट को जानने व समझने की कोशिश करेंगे। उदाहरण के लिए अगर आप नोव रूट का मतलब न्यू जानते हैं, तो इनोवा या उससे जुडे बाकी शब्दों की मीनिंग का अर्थ जान सकते हैं। अंग्रेजी की तैयारी के लिए ओल्ड क्वैश्चंस पेपर के अलावा लुईस की वोकेबलरी और लुसेंट ग्रामर की स्टडी कर सकते हैं।
कंप्यूटर के प्रिपरेशन के लिए इससे रिलेटेड बुक्स और किसी भी एग्जाम में पूछे गए कंप्यूटर से संबंधित क्वैश्चंस की स्टडी करेंगे, तो बेहतर स्कोर लाने में सफल हो सकते हैं। इसी तरह जनरल अवेयरनेस के लिए नेशनल न्यूजपेपर का इकोनॉमिक पेज पढने के साथ ही बैंकिंग रिलेटेड वर्ड और देश-विदेश में घट रही घटनाओं की रेगुलर स्टडी करने से फायदा होता है।
रीजनिंग, मैथ्स और अंग्रेजी में अच्छे अंक लाकर मेरिट में स्थान बना लेने वाले स्टूडेंट्स का असली कॉम्पिटिशन जनरल अवेयरनेस और कंप्यूटर सब्जेक्ट में होता है। अगर एक घंटे की रेगुलर तैयारी की जाए तो इसमें अच्छे मार्क्स लाए जा सकते हैं। एग्जामिनेशन हॉल में आप उन्हीं प्रश्नों को सॉल्व करें, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हैं। निगेटिव मार्किग की वजह से आप सिर्फ राइट आंसर्स पर फोकस करें।
इंटरैक्शन : विजय झा