मैनेजमेंट एकाउंटेंट: ऑलराउंडर ऑफ फाइनेंस
कंपनीज में मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स की भूमिका दिनों-दिन बढ़ रही है। इसलिए आइटी, एफएमसीजी, फार्मास्युटिकल आदि सेक्टर्स में इनके लिए काफी मौके हैं....
कंपनीज में मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स की भूमिका दिनों-दिन बढ़ रही है। इसलिए आइटी, एफएमसीजी, फार्मास्युटिकल आदि सेक्टर्स में इनके लिए काफी मौके हैं....
आज की यंग जेनरेशन नई अपॉच्र्युनिटीज के साथ-साथ चैलेंजिंग रोल्स को एक्सप्लोर कर रही है। चाहे वह फाइनेंस का फील्ड ही क्यों न हो। इसमें उन्हें एक कंपनी की डिसीजन मेकिंग, प्लानिंग और कंट्रोलिंग प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलता है। वैसे तो चार्टर्ड एकाउंटेंसी, कॉस्ट एकाउंटेंसी, कंपनी सेक्रेटरी, बीबीए जैसे कोर्सेज युवाओं के बीच पॉपुलर रहे हैं, लेकिन मार्केट में नए बिजनेस एंटरप्रे्रन्योर्स के आने और कॉम्पिटिशन बढऩे से स्पेशलाइज्ड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ती जा रही है। टैक्सेशन, कॉरपोरेट मैनेजमेंट आदि में स्पेशलाइजेशन कर यंगस्टर्स अपने करियर को नई ऊंचाई दे सकते हैं। ऐसा ही एक स्पेशलाइजेशन है मैनेजमेंट एकाउंटिंग, जो यूथ को आकर्षित कर रहा है।
क्या है मैनेजमेंट एकाउंटिंग?
पारंपरिक एकाउंटिंग कोर्स में जहां स्टूडेंट्स को एकाउंटिंग प्रक्रिया, रेगुलेटरी नॉम्र्स के बारे में बताया जाता है, वहीं मैनेजमेंट एकाउंटिंग कोर्स में एकाउंटिंग के साथ-साथ बिजनेस मैनेजमेंट स्किल सिखाई जाती है। इसके अंतर्गत बिजनेस इकोनॉमिक्स, एथिक्स, कॉरपोरेट गवर्नेंस, बिजनेस मैथमेटिक्स, फाइनेंशियल एकाउंटिंग और मैनेजमेंट एकाउंटिंग की पढ़ाई होती है। इस तरह एकाउंटिंग, फाइनेंस और मैनेजमेंट को मिलाकर मैनेजमेंट एकाउंटिंग बनता है, जो आज किसी भी बिजनेस की ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है।
वर्क प्रोफाइल
एक मैनेजमेंट एकाउंटेंट विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारी निभाता है। वह मैनेजर्स को किसी भी प्रोजेक्ट के फाइनेंशियल एम्प्लीकेशंस से अवगत कराता है। बिजनेस स्ट्रेटेजी बनाने, इंटर्नल बिजनेस ऑडिट और कॉरपोरेट स्पेंडिंग की मॉनिटरिंग का काम इनका ही होता है। मैनेजमेंट एकाउंटिंग प्रोफेशनल्स मार्केटिंग, ह्यïूमन रिसोर्स, स्ट्रेटेजी प्लानिंग, प्रोडक्शन आदि अलग-अलग टीमों के साथ काम करते हैं।
बेसिक स्किल्स
मैनेजमेंट एकाउंटेंसी के लिए सबसे पहले आपकी मैथ्स स्ट्रॉन्ग होनी चाहिए। इसके अलावा, डेटा के पैटर्न की समझ रखनी होगी। मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स को ग्लोबल बिजनेस से अवेयर होना होगा। इसके लिए आपको वल्र्ड फाइनेंशियल मार्केट पर पैनी नजर रखनी होगी। कंपनीज के बिजनेस डिसीजन, सक्सेस और इम्पैक्ट को फॉलो करना होगा। जिनमें कुछ नया जानने या सीखने की ललक होगी, जो भविष्य की ओर देखेंगे, वे इस फील्ड में काफी आगे तक जा सकते हैं।
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
जिन स्टूडेंट्स ने एकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या फाइनेंस में ग्रेजुएशन किया है या क्वालिफाइड चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं, वे मैनेजमेंट एकाउंटिंग का कोर्स कर सकते हैं। इनके अलावा मैनेजमेंट, बिजनेस लॉ, टैक्सेशन आदि में बैचलर्स भी चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स (सीआइएमए) या आइसीएआइ से प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन हासिल कर सकते हैं। सीआइएमए के तहत चार लेवल होते हैं। 12वीं के बाद कोई भी स्टूडेंट फस्र्ट लेवल में एनरोल करा सकता है, जबकि आइसीएआइ के सदस्य इंस्टीट्यूट से मैनेजमेंट एकाउंटेंसी में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।
अपॉच्र्युनिटीज
मैनेजमेंट एकाउंटेंसी प्रोफेशनल्स पब्लिक सेक्टर, बैंक, आइटी, ऑटोमोबाइल आदि कंपनीज में बिजनेस, फाइनेंशियल एनालिस्ट, फाइनेंशियल कंट्रोलर, प्रोजेक्ट मैनेजर, मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा टैक्सेशन, वैल्युएशन, रिस्क मैनेजमेंट आदि फील्ड्स में भी काफी अपॉच्र्युनिटीज हैं।
टॉप इंस्टीट्यूट्स
-चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स, मुंबई www.cimaglobal. com
-इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, दिल्ली www.icai.org/
-इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, कोलकाता द्धह्लह्लश्च:http://icmai.in/
बिजनेस वल्र्ड से रहें अपडेट
सीआइएमए के वार्षिक सर्वे के अनुसार, भारत में एक क्वालिफाइड मैनेजमेंट एकाउंटेंट को सालाना करीब नौ लाख रुपये का पैकेज मिल जाता है। वैसे करियर में ग्रोथ के लिए मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स को बिजनेस वल्र्ड में होने वाले नवीनतम डेवलपमेंट्स की जानकारी रखनी होगी। इसके लिए नेशनल एवं ट्रेड पब्लिकेशंस की रेगुलर स्टडी करना अच्छा रहेगा। अगर बिजनेस या फाइनेंशियल सेक्टर में एक्सपीरियंस हो, तो और भी बेहतर।
देबाशीष विश्वास, कंट्री हेड, सीआइएमए, इंडिया
इंटरैक्शन : अंशु सिंह