750 से अधिक युवा खिलाडि़यो ने जी.एल.ए. में किया प्रतिभा का प्रदर्शन
जी.एल.ए. विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) में त्रिदिवसीय राश्ट्रीय स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता ‘‘मैत्री-3’’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से प्रतिश्ठित 26
जी.एल.ए. विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) में त्रिदिवसीय राश्ट्रीय स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता ‘‘मैत्री-3’’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से प्रतिश्ठित 26 संस्थानों की 60 टीमों से 750 से अधिक विद्यार्थियों ने विभिन्न खेलों में भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान, प्रतिकुलपति प्रो. आनन्द मोहन अग्रवाल, निदेशक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, मैनेजमेन्ट (स्नातक) विभागाध्यक्ष प्रो. सोमेश धमीजा, बी.एड. प्राचार्या डाॅ. जया द्विवेदी, पाॅलीटैक्निक प्रधानाचार्य दिवाकर भारद्वाज एवं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कर्नल वाई.पी. लुम्बा के करकमलों द्वारा माँ सरस्वती एवं प्रेरणास्रोत स्व. श्री गणेशी लाल जी अग्रवाल के चित्रपट पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।
उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान ने ‘‘मैत्री-3’’ की शुरुआत की औपचारिक घोषणा की और अपने संदेश में उपस्थित प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में हार व जीत दोनों को ही स्वीकार करना चाहिए और उनसे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीत को कभी भी स्वयं पर हावी न होने दें और हार से मायूस न हो, बल्कि उससे सबक लें और आगे बढ़कर सफलता हासिल करें। खेलकूद व स्पर्धा शारीरिक, मानसिक व व्यक्तित्व विकास का श्रेश्ठ जरिया है। उन्होंने प्रशिक्षकों व निर्णायकों को भी संदेश देते हुए कहा कि खेल में हमेशा ही प्रतिभा को स्थान दें व अपने निर्णयों में सदैव पारदर्शिता रखें।
त्रि-दिवसीय राश्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता ‘‘मैत्री-3’’ के दौरान विश्वविद्यालय परिसर मस्ती और रोमांच से गुंजायमान रहा, जिसमें छात्रों ने शतरंज, टेबिल टेनिस, बास्केट बाॅल, बैटमिंटन, क्रिकेट, फुटबाल, वाॅलीबाॅल, एथलैटिक्स जिसके अन्तर्गत 100 मी., 200 मी0, 400 मी., 800 मी., 100 मी. गल्र्स, 200 मी. गल्र्स, 400 मी. गल्र्स, 4ग्100 रिले रेस, 4ग्400 रिले रेस, गोला फेंक, चक्का फेंक, दौड़ एवं लम्बी कूद आदि विभिन्न खेलों में अपने कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के अन्तर्गत क्राॅस कन्ट्री 5000 मी. में अपना दबदबा बनाते हुए जी.एल.ए. विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक कब्जा किया।
छात्र वर्ग के 100 मीटर दौड़ में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय ने स्वर्ण व रजत पदक एवं ए.सी.ई.टी काॅलेज ने कांस्य पदक जीता। वहीं छात्रा वर्ग में बी.एस.ए. काॅलेज, मथुरा ने स्वर्ण व जी.एल.ए. विश्वविद्यालय ने रजत व कांस्य पदक जीता। 200 मीटर दौड़ में जी.एल.ए विश्वविद्यालय ने स्वर्ण पदक, ए.बी.ई.एस. गाजियाबाद ने रजत एवं डी.ए.वी. कालेज ने कांस्य पदक अर्जित किया। गोला फेंक में ए.बी.ई.एस. ने स्वर्ण व जी.एल.ए. विश्वविद्यालय ने रजत व कांस्य पदक हासिल किया। शतरंज में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय की प्रिया गुप्ता एवं ए.बी.ई.एस. काॅलेज शुभम गुप्ता विजेता रहा।
वाॅलीबाल में दयाल सिंह काॅलेज आगरा विजेता एवं जी.एल.ए विश्वविद्यालय की टीम उपविजेता रही। फुटबाॅल में एस.आर.एम.एस. बरेली विजेता तथा जी.एल.ए. विश्वविद्यालय उपविजेता रहे। टेबिल टेनिस के छात्र वर्ग में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय विजेता रहा। वहीं छात्रा वर्ग में बी.एस.ए. विजेता एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय उपविजेता रहा। बास्केट बाॅल के छात्रा वर्ग में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय विजेता एवं ए.बी.ई.एस. उपविजेता रहा। बैटमिंटन में छात्र एवं छात्रा वर्ग में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय ने परचम लहराया।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गुरुदीप सिंह, ज्वाॅइन सैक्रेटरी स्पोट्र्स, एसोसिएशन आॅफ इण्डियन यूनिवर्सिटी रहे। विश्वविद्यालय के क्रीडाधिकारी श्री आषीश कुमार सिंह ने श्री गुरुदीप सिंह का परिचय देते हुए बताया कि श्री सिंह हाॅकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी है। इन्होंने 3 बार ओलम्पिक गेम्स में समीक्षक की भूमिका निभायी है। साथ 6 बार वल्र्ड इन्नोसेटिव्स गेम्स के प्रतिनिधि मंडल के मुख्य भी रह चुके हैं।
त्रि-दिवसीय कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि श्री गुरुदीप सिंह, गैस्ट आॅफ आॅनर उपकुलपति प्रो. आनन्द मोहन अग्रवाल, बी.एड. प्राचार्या डाॅ. जया द्विवेदी, मुख्य प्रशासकिन अधिकारी कर्नल वाई.पी. लुम्बा, विभागाध्यक्ष संजय मौर्या, शिक्षकगण डाॅ. मानस मिश्रा एवं अभय चतुर्वेदी ने विभिन्न खेलों में विजयी टीमों व छात्रों को सर्टिफिकेट एवं पुरुस्कार वितरित किये।
कार्यक्रम के सफल संचालन में विश्वविद्यालय के उमेश शर्मा, बास्केट बाॅल कोच शिव कुमार यादव, बैटमिंटन कोच अमित शर्मा, क्रिकेट कोच जे.पी. सिंह, वाॅलीबाल कोच रोबिन सिंह, योगा ट्रेनर शालू शर्मा एवं फैज़ुल हसन सहित छात्र स्वपनिल, धनन्जय, हिमांशु, दिवाकर, सिद्वार्थ, फाक्या मोइन, अपूर्वा, अम्बर एवं शिवांगी आदि का विशेष सहयोग रहा।