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आउटसोर्सिंग कर्मियों के हटने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

आउटसोर्सिंग कर्मियों के नहीं रहने से कई सीएचसी और पीएचसी में परेशानी हो रही है। जिला में 576 आउटसोर्सिंग कर्मियों में से मात्र 170 को ही काम पर रखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 07:40 PM (IST)
आउटसोर्सिंग कर्मियों के हटने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
आउटसोर्सिंग कर्मियों के हटने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

संस, चाईबासा : आउटसोर्सिंग कर्मियों के नहीं रहने से कई सीएचसी और पीएचसी में परेशानी हो रही है। जिला में 576 आउटसोर्सिंग कर्मियों में से मात्र 170 को ही काम पर रखा गया है। इससे जिला भर के सीएचसी, पीएचसी आदि में लैब टेक्नीशियन, स्वीपर, डाटा आपरेटर और ड्राइवर की कमी महसूस हो रही है। अनुबंधित डाटा आपरेटर के हट जाने से प्रतिदिन सीएचसी प्रखंड स्तर से कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा साफ सफाई, ब्लड जांच और एंबुलेंस में मरीजों को लाने व ले जाने में भी परेशानी हो रही रहा है। मनोहरपुर सीएचसी में आउटसोर्सिंग से तीन ड्राइवर को रखा गया था लेकिन उसमें से छंटनी कर दो ड्राइवर को हटा दिया गया। अब परेशानी तब उत्पन्न हो जाती है जब किसी घायल व्यक्ति को एक ड्राइवर लेकर इलाज के लिए चले जाते हैं और दूसरा जख्मी व्यक्ति आने से मजबूरन चिकित्सकों को मनोहरपुर सीएससी में ही इलाज करना पड़ता है। आउटसोर्सिंग कर्मियों को रखने को लेकर पिछले दिनों आउटसोर्सिंग जिला संघ की ओर से लगभग 15 से 20 दिन तक सदर अस्पताल परिसर में धरना दिया गया था। इसके बाद उपायुक्त के द्वारा आश्वासन दिया गया कि मानव बल बढ़ाने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा जाएगा। वहां से आदेश आने के बाद पहले से काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद ही धरना को समाप्त किया गया था मगर उसके बाद से अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।

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