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जर्जर सड़क के कारण थमा सारंडा के आधा दर्जन गांवों के विकास का पहिया

कहा जाता है कि सड़क से विकास का रास्ता खुलता है। पर जिस क्षेत्र के लोग एक दशक से जर्जर सड़क का दंश झेल रहे हों उस क्षेत्र का संपूर्ण विकास कैसे हो।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:27 PM (IST)
जर्जर सड़क के कारण थमा सारंडा के आधा दर्जन गांवों के विकास का पहिया
जर्जर सड़क के कारण थमा सारंडा के आधा दर्जन गांवों के विकास का पहिया

रमेश सिंह, मनोहरपुर : कहा जाता है कि सड़क से विकास का रास्ता खुलता है। पर जिस क्षेत्र के लोग एक दशक से जर्जर सड़क का दंश झेल रहे हों, उस क्षेत्र का संपूर्ण विकास कैसे हो। कुछ यही हाल मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले सारंडा क्षेत्र के मकारंडा व दीघा पंचायत क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों का है। जिसमें सारंडा का सागजोड़ी, छोटा सागजोड़ी, रायबेड़ा, रेड़ा, सामठा व दीघा गांव का हाल कुछ ऐसा ही है। इस क्षेत्र में लगभग 13 किमी सड़क जर्जर होने के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सड़क ठीक नहीं रहने के कारण वाहन वाले भी इन गांव क्षेत्र में वाहन लाने व लेकर जाने में कतराते हैं। ओडिशा सीमा क्षेत्र के भुर्ता गांव से छोटा सागजोड़ी गांव होते हुए सागजोड़ी गांव तक 5 किमी सड़क, सागजोड़ी चौक से रायबेड़ा गांव तक 3 किमी सड़क, सागजोड़ी चौक से बंगाल ढिपा होते हुए रेलवे लाइन तक, सागजोड़ी अजंबर चौक से सामठा गांव तक 3 किमी. कुल 13 किमी सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। उक्त सड़कों के निर्माण की दिशा में विधायक, सासंद के उदासीन रवैये से नाराज ग्रामीण अब सड़क के नव निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन के मूड में हैं। सीआरपीएफ कैंप भी इसी रास्ते से जाना पड़ता है

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सारंडा क्षेत्र में स्थापित दो सीआरपीएफ कैंप, कालियापोस व दीघा भी इसी जर्जर सड़क से होकर जाना पड़ता है। कैंप तक जाने के लिए भी इन्हीं सड़क से होकर गुजरना पड़ता है। सड़क निर्माण की मांग को जिले के पदाधिकारी तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए सीआरपीएफ के स्थानीय पदाधिकारी से भी गुहार लगा चुके हैं, पर उसका परिणाम अबतक सामने नहीं आया है। इन गांव के ग्रामीणों का मानना है कि जिला प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि सारंडा के लोगों की दिक्कत व कठिनाइयों पर ध्यान नही दे रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीण वर्षों से जर्जर सड़क का दंश झेल रहे हैं। कई बार दुर्घटना के शिकार भी बन जाते हैं।

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वर्षों से सड़क जर्जर है। प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी जर्जर सड़क के निर्माण को लेकर ध्यान नही दे रहे हैं।

- जॉन लुगुन।

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-हमारे क्षेत्र की जर्जर सड़क के निर्माण की मांग को लेकर प्रशासन व केंद्रीय मंत्री के समक्ष भी मांगें रखी गई थीं पर अबतक कोई ध्यान नहीं दिया गया। हम ग्रामीणों को सड़क को लेकर काफी दिक्कत हो रही है।

- ऐतवा गुड़िया।

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- धीरे-धीरे हम लोग सड़क मार्ग से कटते जा रहे हैं। बाजार हाट आने-जाने में परेशानी होती है। हमारे विधायक सांसद को इसपर ध्यान देना चाहिए। वे सिर्फ वोट मांगने पहुंचते हैं।

- परमेश्वर महतो

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सड़क के लिए हम लोग आंदोलन करने जा रहे हैं। सड़क जाम करेंगे धरना-प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ी तो विधानसभा चुनाव में हम ग्रामीण वोट वहिष्कार भी कर सकते हैं। जर्जर सड़क के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

- सोनू गुड़िया।


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