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कुपोषण मुक्त झारखंड के लिए प. सिंहभूम से होगी शुरुआत : जोबा मांझी

झारखंड पिछड़ा राज्य है। यहां कुपोषण एक बड़ी समस्या है। इसे जड़ से मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है। इसकी शुरुआत पश्चिमी सिंहभूम जिले से की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 07:16 PM (IST)
कुपोषण मुक्त झारखंड के लिए प. सिंहभूम से होगी शुरुआत : जोबा मांझी
कुपोषण मुक्त झारखंड के लिए प. सिंहभूम से होगी शुरुआत : जोबा मांझी

संवाद सहयोगी, चाईबासा : झारखंड पिछड़ा राज्य है। यहां कुपोषण एक बड़ी समस्या है। इसे जड़ से मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है। इसकी शुरुआत पश्चिमी सिंहभूम जिले से की जाएगी। यह बातें मंगलवार को सिंहभूम स्पो‌र्ट्स एसोसिएशन मैदान में सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला बाल विकास एवं कल्याण मंत्री जोबा मांझी ने कही। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त राज्य बनाने के लिए विभाग की ओर से शुरुआत कर दी गई है। इसका परिणाम कुछ वर्ष में ही देखने को मिलेगा। हेमंत सरकार ने एक साल में बहुत ही उम्दा कार्य किया है। वैश्विक महामारी के दौरान जिस प्रकार मजदूरों को पूरे देश से सकुशल लेकर आए, यह अपने आप में एक सराहनीय कार्य है। एक वर्ष के दौरान सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाया। आगे हम सभी अपनी जिम्मेदारी के साथ मिल कर कार्य करेंगे तो राज्य का विकास तेजी के साथ होगा। उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि सरकार के एक साल में पश्चिम सिंहभूम ने काफी बेहतर कार्य किया है। खास कर वनाधिकार पट्टा देने में अभी तक पूरे झारखंड में पहले स्थान पर रहे हैं। वर्तमान समय तक एक हजार लाभुकों का चयन वनाधिकार पट्टा देने के लिए कर लिया गया है। जबकि हम लोगों का लक्ष्य इससे कहीं ज्यादा है। इसके अलावा मनरेगा में 30 लाख मानव दिवस रोजगार देने में पश्चिम सिंहभूम जिला ने एक रिकार्ड कायम किया है। इस मौके पर सदर विधायक दीपक बिरुवा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, कोल्हान आयुक्त डा. राजीव रंजन, डीसी अरवा राजकमल, एसपी अजय लिडा, डीडीसी संदीप बक्सी, एलआरडीसी एजाज अनवर, एनडीसी रवि कुमार, कोल्हान अधीक्षक गिरजा नंद किस्कू, डीईओ निरजा कुजूर, डीएसई अनिल चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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हथियार किसी समस्या का हल नहीं, भटके युवक वापस लौटें : डीआइजी

- कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन ने कहा कि झारखंड बनने के बाद से ही पश्चिमी सिंहभूम नक्सलियों का गढ़ रहा है। लेकिन एक वर्ष में पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार कार्य किया वह काबिले तारीफ है। जिला में नक्सलियों के साथ 17 मुठभेड़ हुआ जिसमें 82 नक्सली गिरफ्तार किये गये, 42 विभिन्न प्रकार के हथियार जप्त की गई । जबकि 179 लैंड माइंस बरामद किये गये। सबसे बड़ी बात कि इसमें पुलिस के एक जवान नुकसान नहीं हुआ। भटके हुए युवक मुख्य धारा में लौट कर आएं। झारखंड सरकार की सरेंडर र पॉलिसी पूरे देश में सबसे अच्छी है। उन्होंने कहा कि हथियार से किसी समस्या का हल आज तक नहीं हुआ है। नक्सली की शुरुआत होकर 55 वर्ष हो गए उन्हें क्या मिला इसका समीक्षा करें और सही रास्ते में आकर विकास की भागीदार बनें।


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