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विस चुनाव में पहली बार दिव्यांग व वृद्ध घर बैठे पोस्टल बैलेट से कर सकेंगे मतदान

पश्चिमी सिंहभूम जिले के पांच विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर पर मतदान करने का अधिकार मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:48 PM (IST)
विस चुनाव में पहली बार दिव्यांग व वृद्ध घर बैठे पोस्टल बैलेट से कर सकेंगे मतदान
विस चुनाव में पहली बार दिव्यांग व वृद्ध घर बैठे पोस्टल बैलेट से कर सकेंगे मतदान

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : पश्चिमी सिंहभूम जिले के पांच विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर पर मतदान करने का अधिकार मिलेगा। नोवामुंडी के बीडीओ समरेश प्रसाद भंडारी ने गुरुवार को किसान भवन में बीएलओ के तौर पर नियुक्त पारा शिक्षकों को ट्रेनिग देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार यह सुविधा बहाल की है। अगर कोई दिव्यांग व सीनियर सिटीजन वोटर मतदान केंद्र पर आकर अपने मत का उपयोग करना चाहते हैं तो वह भी सुविधा भी पूर्व की भांति बहाल रहेगी। दिव्यांग व 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाताओं से आवेदन स्वीकार करने के लिए बीएलओ उनके आवास पर जाएंगे। बीएलओ ऐसे मतदाताओं से फार्म 12 डी भरवाएंगे। दिव्यांग अथवा 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता अपने परिजनों के माध्यम से भी आवेदन जमा करा सकते हैं। 16 नवंबर तक पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के आधार पर एक पीठासीन पदाधिकारी सहित तीन मतदानकर्मी पोस्टल बैलेट के साथ दिव्यांग व 80 वर्ष उम्र के व्यक्ति के आवास पर जाकर मतदान कराएं जिसमें गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। पहली बार दिव्यांग मतदाता आवास पर नहीं मिलेगा तो नोटिस जारी कर टीम दूसरी बार आने की जानकारी देगी। दूसरी बार भी दिव्यांग या 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता अपने घर में नहीं मिलते हैं तो मतदानकर्मी फिर उनके आवास पर नहीं जाएंगे।

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बीएलओ ने की लापरवाही तो होगी कार्रवाई

बीएलओ इसमें जरा सी भी चूक करता है तो जांचकर उसपर आवश्यक कार्रवाई होगी। सीओ सुनील चंद्र ने बताया कि चुनाव के दौरान बूथ केंद्र के रूप में इस्तेमाल होने वाले स्कूल भवन, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र में किसी तरह की राजनीतिक पार्टी से संबंधित लेखन के आलावा पोस्टर, वैनर नहीं रहना चाहिए। यहां तक कि पीएम व सीएम की तस्वीर भी नहीं रखनी है। चुनाव खत्म होने के बाद रखा जा सकता है। सभी बीएलओ को बूथ केंद्रों तक पहुंचने वाले दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर, ट्राई साईकिल उपलब्ध कराने के पहले उसकी सूची प्रखंड कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया। बताया कि वोटर लिस्ट वोटर को वोट देने के लिए पहचान पत्र नहीं हो सकता है। जॉब कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस जिसमें फोटो चिपका रहे, उसे वोटिग के समय पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। बीएलओ ट्रेनर अरविंद ठाकुर ने इवीएम में होने वाले वोटिग व वीवी पैट के विषय में विस्तार से जानकारी दी।


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