दो नक्सली गोईलकेरा से गिरफ्तार, भेजा गया जेल
गोईलकेरा थाना क्षेत्र से पुलिस ने शनिवार को भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर मोछू उर्फ मेहनत तथा सागेन अंगरिया दस्ता के दो सक्रिय नक्सलियों को गिरफ्तार कर चाईबासा जेल भेज दिया।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : गोईलकेरा थाना क्षेत्र से पुलिस ने शनिवार को भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर मोछू उर्फ मेहनत तथा सागेन अंगरिया दस्ता के दो सक्रिय नक्सलियों को गिरफ्तार कर चाईबासा जेल भेज दिया। इस संबंध में चक्रधरपुर अनुमंडल के एसडीपीओ नाथू सिंह मीणा ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली 24 वर्षीय सिनु अंगारिया तथा 19 वर्षीय जुगसिंह अंगरिया हैं। सिनु अंगारिया शमणम भट्ठी टोला सांगाजटा थाना गोईलकेरा तथा जुगसिंह अंगरिया टोला ससंगसाल सांगाजाटा थाना गोईलकेरा का निवासी है। एसडीपीओ ने बताया कि चाईबासा पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गोईलकेरा थाना क्षेत्र के सांगाजाटा, ससंगसाल, बाईहातु आदि गांव के जगंल पहाड़ी क्षेत्र में प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के मोछू उर्फ मेहनत तथा सागेन अंगरिया का दस्ता अन्य नक्सलियों के साथ भ्रमणशील है। सूचना सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई करने के लिए चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 बटालियन, सीआरपीएफ 60 बटालियन, सीआरपीएफ 157 बटालियन एवं झारखंड जगुआर की बीडीडीएस टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चलाया। अभियान के दौरान ससांगसाल से प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के पूर्व से कई मामलों में बांछित नक्सली सिनु अंगारिया तथा जुगसिंह अंगरिया को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने अपने जुर्म को कबूल करते हुए बताया कि दोनों माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर मोछू उर्फ मेहनत तथा सागेन अंगरिया दस्ता के लिए कार्य करते थे। गिरफ्तार दोनों नक्सली आइईडी बम लगाने एवं विस्फोट करने, बरकेला में फोरेस्ट बिल्डिंग ब्लास्ट एवं कई अन्य घटना में शामिल रहे हैं। इनके खिलाफ पहले से ही गोईलकेरा, सोनुवा तथा मुफ्फसिल थाना चाईबासा में कई मामले दर्ज हैं। गोईलकेरा थाना में मामला दर्ज कर इन दोनों नक्सलियों को चाईबासा जेल भेज दिया गया है। इन दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने में कोबरा 209 बटालियन के कमांडेंट सुरेन्द्र कुमार, सीआरपीएफ 60 बटालियन के कमांडेंट आनंद कुमार जेराई, चाईबासा अपर पुलिस अधीक्षक अभियान उमेश कुमार, सीआरपीएफ 60 बटालियन के टूआईसी विकास कुमार सहित चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 बटालियन, सीआरपीएफ 60 बटालियन, सीआरपीएफ 157 बटालियन एवं झारखंड जगुआर का बीडीडीएस टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।