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सोनुवा के किसान आम की बागवानी से बनेंगे आत्मनिर्भर

सोनुवा की सभी 11 पंचायतों में आम की बागवानी से किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 25 एकड़ जमीन पर आम की बागवानी सरकारी स्तर से शुरू होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:28 PM (IST)
सोनुवा के किसान आम की बागवानी से बनेंगे आत्मनिर्भर
सोनुवा के किसान आम की बागवानी से बनेंगे आत्मनिर्भर

संवाद सूत्र, सोनुवा : सोनुवा की सभी 11 पंचायतों में आम की बागवानी से किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 25 एकड़ जमीन पर आम की बागवानी सरकारी स्तर से शुरू होगी। मंगलवार को प्रखंड कार्यालय में आयोजित बैठक में बीपीओ भीष्म देव प्रधान और शिव कमल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आ रहे स्थानीय मजदूरों को अपने क्षेत्र में ही रोजगार देने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक मानव कार्य दिवस का सृजन किया जाएगा। इसको लेकर बैठक में उन्होंने सभी पंचायत सचिव व रोजगार सेवक को निर्देश दिया। बैठक में नरेगा योजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। इस वित्त वर्ष 2020/2021 में बीपीओ ने सभी पंचायतों को नरेगा योजना के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा की योजना के कार्य के दौरान मजदूर सामाजिक दूरी का पालन करेंगे। स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखना है। साथ ही पंचायत सेवकों को अपने क्षेत्रों में ग्रामीणों को कोविड-19 को लेकर मास्क लगाने, सेनिटाइजर का प्रयोग करने आदि पर जागरूक करने को भी कहा गया है। अब लोगों को बागवानी के लिए करेंगे प्रोत्साहित

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बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत सोनुवा प्रखंड में मंगलवार को बीपीओ भीष्म देव सोलंकी की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में रोजगार सेवक ,पंचाययत सचिव ,प्रदान संस्था के सभी कर्मी और बागवानी मित्र मनरेगा के कनीय अभियंता ,सहायक अभियंता, भिएलडब्ल्यू उपस्थित रहे। बैठक में प्रदान संस्था द्वारा बागवानी से सम्बंधित तकनीकी जानकारी दी गयी। जिसमें फलों के विभिन्न प्रकार और उनके पोषण के बारे विस्तार में बताया गया। उन्होंने बताया कि यहाँ के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग किस्म की मिट्टी पायी जाती है। सभी किस्म के फल का उत्पादन सभी प्रकार के मिट्टी में नहीं किया जा सकता है। मौके पर उन्होंने सभी कर्मी को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण करें और लाभुकों को बागवानी हेतु प्रोत्साहित करें और बागवानी की उन्नत तकनीक के बारे में भी जानकारी दें। जल्द से जल्द जमीन का चयन कर 15 अप्रैल तक कार्य को शुरू करने को कहा है।


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