झारखंड में बहुत जल्द खुलेगी स्किल यूनिवर्सिटी : हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन सरकार का पूरा फोकस झारखंड की परंपरा संस्कृति को साथ लेकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देना है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को चाईबासा की धरती से सहाय योजना और झारखंड में स्किल यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की।
चाईबासा : हेमंत सोरेन सरकार का पूरा फोकस झारखंड की परंपरा, संस्कृति को साथ लेकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देना है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को चाईबासा की धरती से सहाय योजना और झारखंड में स्किल यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की। सबसे पहले चाईबासा के एसोसिएशन मैदान में सहाय योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के जरिये प्रथम चरण में नक्सल प्रभावित चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला एवं सिमडेगा के 14 से 19 वर्ष के 72 हजार युवक-युवतियों को खेल के क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा। पंचायत, वार्ड, प्रखंड एवं जिला स्तर तक खेल में प्रतिभाशाली युवाओं को हॉकी, फुटबॉल, बॉलीबॉल, एथलेटिक्स समेत अन्य खेलों में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा। योजना का उद्देश्य खेल के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के हुनर को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करना है। योजना के तहत आयोजित प्रतियोगिताओं में जिला एवं राज्यस्तर पर विजेताओं और उप-विजेताओं को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया जाएगा। हमारा उद्देश्य झारखंड के सुदूरवर्ती जंगलों में मुस्कान का वातावरण बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खेल की नर्सरी स्थापित करेंगे। इन क्षेत्रों को अलग पहचान दिलाने का कार्य होगा। हमने खेल को माध्यम बनाया है, ताकि झारखण्ड की खनिज के अतिरिक्त भी पहचान स्थापित हो सके। अब गोलियों की गूंज की जगह खिलाड़ियों और पर्यटकों के ठहाकों से गुंजायमान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के लोगों को रास्ता नहीं दिखाया गया। जबकि यहां के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं थी, लेकिन इसका आकलन नहीं किया गया। झारखण्ड के खिलाड़ियों ने खेल के क्षेत्र में धमाल मचा रहे हैं। खेल को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहाय योजना शुरू की गई है। हर स्तर पर खेल का आयोजन होगा। मेरी व्यक्तिगत रूप से योजना पर नजर है। वहीं, टाटा कालेज मैदान में आयोजित सिंहभूम स्तरीय परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में सीएम बोले कि युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए झारखंड में हमारी सरकार स्किल यूनिवर्सिटी खोलेगी। 250-300 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। यहां युवाओं को कौशल से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जायेगा। यहां जो पढ़ेगा वो 15-20 हजार रुपये की नौकरी लेकर बाहर निकलेगा। बहुत जल्द इसकी स्थापना हम करने जा रहे हैं।
इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम, चंपाई सोरेन, जोबा मांझी, सत्यानंद भोक्ता, हफीजुल अंसारी, सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा, विधायक दीपक बिरुवा, निरल पुरती, सोनाराम सिकू, सुखराम उरांव, समीर मोहंती, सविता महतो समेत अन्य उपस्थित थे।
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पलायन रोकने को बनाई जाए कोई योजना : गीता कोड़ा
चाईबासा : सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि सिंहभूम में पलायन बड़ी समस्या है। यहां खनिज खदानें काफी हैं। फिर भी यहां के भेले-भाले लोग कमाने के लिए बाहर जा रहे हैं। अभी हाल ही में तमिलनाडु गयी पश्चिम सिंहभूम की बेटियों को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था। यह दुखद है। मैं सरकार से कहना चाहूंगी कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट बने कि हमारे बच्चे-बच्चियों को नौकरी के लिए बाहर न जाना पड़े। उन्हें अपने ही घर, अपने ही जिले और अपने ही राज्य में काम करने का मौका मिले। मैं यह भी अपील करती हूं कि ऐसी कोई योजना न बने जो लंबे समय तक चले। हमारे क्षेत्र में ईचा-खरकई डैम परियोजना लंबे समय से चल रही है। लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। सैकड़ों लोग इसका दंश झेल रहे हैं। सरकार कम अवधि के प्रोजेक्ट तैयार करे।
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निजी कंपनियों में 75 फीसद हो आदिवासी-मूलवासी को : चंपाई सोरेन
परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि आंदोलन से झारखंड मिला है। इसको सजाने और संवारने की जिम्मेदारी युवा सीएम हेमंत सोरेन के हाथों में है। झारखंड अलग राज्य के लिए हम लोगों ने जल, जंगल, जमीन का आंदोलन चलाया था। वो अभी साकार होता नजर आ रहा है। सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में तुरंत आवेदन आ रहे हैं और तुरंत स्वीकृत हो जा रहे हैं। सरकार ने नियम बनाया है कि निजी कंपनियों में 75 फीसद आदिवासी-मूलवासी को नौकरी दी जायेगी। इसे हम लोग सख्ती से पालन करायेंगे।
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28 तक चलेगा कार्यक्रम, उठाएं लाभ : आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड के सभी 24 जिलों में आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम 15 नवंबर से शुरू हुआ था और 28 दिसंबर तक चलेगा। लोग इसका लाभ उठायें। ऐसा कार्यक्रम पूरे देश में कहीं नहीं चला होगा। गठबंधन की सरकार ने 2 साल में जो भी काम किया है वो इतिहास बन गया है। 20 साल की विधवा को भी पेंशन दी जा रही है। विधवा पेंशन के लिए उम्र की सीमा को खत्म कर दिया है।
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लाभुक के घर पहुंचकर सरकार दे रही लाभ : सत्यानंद भोक्ता
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पूर्व की सरकार गरीबों के अधिकार का हनन कर रही थी। हमारी सरकार अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के घर जाकर उसे सरकारी योजना का लाभ दे रही है। अब उसे राशन कार्ड, श्रम कार्ड, पेंशन कार्ड समेत तमाम तरह के लाभ लेने के लिए बीडीओ-सीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। कोरोना काल में 8 लाख श्रमिकों को दूसरे राज्यों से प्लेन, ट्रेन व बसों से सुरक्षित लाकर उनके घर पहुंचाया गया।
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मुख्यमंत्री ने बांटी 14 अरब 43 करोड़ को परिसंपत्तियां
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जासं, चाईबासा : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोल्हान प्रमंडलस्तरीय कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण, परिसंपत्ति, अनुदान और नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने तीनों जिलों के कुल 5 लाख 34 हजार 752 लाभुकों के बीच कुल 14 अरब 43 करोड़ 25 लाख 20 हजार 343 रुपये की परिसंपत्ति का वितरण किया गया। जिले के कुल 2,49,160 लाभुकों के बीच 522.93 करोड़, पूर्वी सिंहभूम के 1,37,592 लाभुकों के बीच 518. 55 करोड़, सरायकेला-खरसावां के कुल 1,48,000 लाभुकों के बीच 401.78 करोड़ के परिसंपत्ति का वितरण किया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री टाटा कालेज मैदान में निर्धारित समय से करीब 1.30 घंटा विलंब से दोपहर 1.45 बजे पहुंचे। यहां पारंपरिक टोपी पहनाकर व सांस्कृतिक नृत्य संगीत के साथ स्थानीय कलाकारों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में पांच हजार से ज्यादा लोग तीनों जिलों से पहुंचे थे। तीनों जिलों के लाभुकों को अलग-अलग स्थान पर बैठाया गया था। मैदान परिसर में 30 से ज्यादा सरकारी स्टॉल भी लगाए गए थे। इन स्टॉलों पर लोगों को जरूरत अनुसार जानकारी दी जा रही थी। कार्यक्रम में सरकारी विद्यालयों के शिक्षक भी अच्छी संख्या में पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सिंहभूम प्रमंडल में 2 लाख 35 हजार शिकायत आवेदन आये हैं। इनमें से 1 लाख 96 हजार शिकायतों का आन द स्पॉट निष्पादन किया गया है।
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कृषि कलेंडर समेत तीन पुस्तकों का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने झारखंड के विकास पर केंद्रित स्थानीय भाषा ओलचिकी ओर हिदी में प्रकाशित दो पुस्तकों एवं परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा पर तैयार किताब का विमोचन किया। इसके अलावा पश्चिम सिंहभूम कृषि विभाग की ओर से बनाये गये कृषि कलेंडर का भी लोकार्पण किया। कृषि केलेंडर में किसानों के लिए साल भर की कृषि संबंधि कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं। मुख्यमंत्री टाटा कालेज मैदान में निर्धारित समय से करीब 1.30 घंटा विलंब से दोपहर 1.50 बजे पहुंचे। यहां पारंपरिक टोपी पहनाकर व सांस्कृतिक नृत्य संगीत के साथ स्थानीय कलाकारों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में पांच हजार से ज्यादा लोग तीनों जिलों से पहुंचे थे। तीनों जिलों के लाभुकों को अलग-अलग स्थान पर बैठाया गया था। मैदान परिसर में 30 से ज्यादा सरकारी स्टॉल भी लगाये गये थे। इन स्टॉलों पर लोगों को जरूरत अनुसार जानकारी दी जा रही थी। कार्यक्रम में सरकारी विद्यालयों के शिक्षक भी अच्छी संख्या में पहुंचे थे।
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खिलाड़ियों के उत्साह व नारों से गूंजता रहा एसोसिएशन फुटबॉल मैदान
जासं, चाईबासा : सहाय खेल से जुड़ कर सूदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के खिलाड़ी काफी उत्साहित हैं। ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभा को निखारने और हौसला अफजाई के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खूद ही नक्सल प्रभावित जिला पश्चिम सिंहभूम से इसकी शुरुआत किए। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुदड़ी प्रखंड से पहुंचे युवक जयराम कांडेयांग ने कहा कि गांव में काफी लड़के-लड़कियां खेल में अच्छा हैं लेकिन मौका नहीं मिलने से आगे बढ़ नहीं पाते है। सरकार ने सहाय खेल योजना से युवकों को एक मौका देने का कार्य किया है। जिससे खेल में अच्छा करने वाले युवक-युवती गांव-गांव से निकल कर अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। वहीं मनोहरपुर के युवक जगमोहन पुरती ने कहा कि सहाय योजना हमारे के लिए एक मौका के समान है। पंचायत स्तर में मौजूद अच्छे खिलाड़ी इससे काफी आगे जा सकते हैं। साथ ही सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिए भत्ता भी दे रही है। जिससे अब युवक कहीं नहीं भटक कर जायेंगे। वहीं इस दौरान एसोसिएशन फुटबॉल मैदान युवा खिलाड़ियों के जोश से लबरेज रहा। खेल मंत्री हफीजुल हसन अंसारी जब मंच पर पहुंचे तो खिलाड़ियों ने सभी प्रखंड के टीम ने मार्च पास्ट कर मंत्री का अभिवादन किये। वहीं मुख्यमंत्री जब खिलाड़ियों से मिलने मैदान के अंदर पहुंचे तो खेलेगा झारखंड, बढ़ेगा झारखंड के नारे लगाये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर ग्रुप फोटो भी खिचाए। जिससे खिलाड़ियों का हौसला सातवें आसमान पर था।