लॉकडाउन की मार सबक पाकर लौटे छह मजदूरों ने सरकारी तालाब को कर दिया जिदा
लॉकडाउन की मार से सबक पाकर छह मजदूरों ने सूखे सरकारी तालाब की खुदाई कर जल संचय के लायक बनाया। उसके बाद खेती से जुड़कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, कुमारडुंगी : लॉकडाउन की मार से सबक पाकर छह मजदूरों ने सूखे सरकारी तालाब की खुदाई कर जल संचय के लायक बनाया। उसके बाद खेती से जुड़कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। वर्तमान वे 13 एकड़ की जमीन पर खेती करना आरंभ कर दिया है। किसानों का कहना है कि वे अब पलायन नहीं करेंगे अपने परिवार के संग गांव में खेती कर जीवन यापन करेंगे। हम बात कर रहे हैं पश्चिम सिंहभूम जिले के छोटारायकमन गांव के किसानों की। यहां छह किसान उमेश नायक, किशन पिगुवा, गोवर्धन हेम्ब्रम, गोपी हेम्ब्रम, डबलू हेम्ब्रम, प्रधान हेम्ब्रम ने मिलकर पहले तो सरकारी तालाब के गहराई की खुदाई कर तालाब को जल संचय लायक बनाया। उसके बाद उसी पानी का उपयोग कर वर्तमान लगभग 13 एकड़ की जमीन पर विभिन्न प्रकार के फसल की खेती कर रहे हैं। किसान गोवर्धन हेम्ब्रम बताते हैं कि उनके परिवार में आठ सदस्य हैं। पहले तो दो बेटे बाहर काम करने जाते थे। इससे परिवार का भरण-पोषण किसी तरह से हो जाता था। पर लॉकडाउन के बाद से सभी घर में हैं। अचानक आई मुसीबत से हमें भारी परेशानी हुई। परिवार चलाने के लिऐ कोई रास्ता नहीं दिखा। ऐसे में हम छह लोगों ने गांव में स्थित सरकारी तालाब के किनारे खेती करना शुरु किया। गर्मी में तालाब का पानी पूरा सूख जा रहा था। ऐसे में पानी को सहेजने के लिए कोई उपाय नहीं सूझा। अंत में हम लोगों ने रणनीती बनाई की तालाब को और गहरा किया जाये। सभी ने मिलकर हर दिन सुबह एक घंटा तालाब खुदाई में समय दिया। ऐसे कर वर्तमान पानी संचय होने लगी है। पानी होने से लगभग 13 एकड़ की जमीन पर खेती हो रही है।