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सारंडा के काढ़ा को ब्रांड बनाने का तैयार हो रहा रोडमैप

अगर सरकार ने पहल की तो सारंडा जंगल के औषधीय पौधों से तैयार काढ़ा या इम्युनिटी बूस्टर आम आदमी के लिए उपलब्ध हो सकता है। आने वाले समय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले इस देशी हर्बल पेय को आप दवा दुकानों से खरीद पायेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 10:36 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:15 AM (IST)
सारंडा के काढ़ा को ब्रांड बनाने का तैयार हो रहा रोडमैप
सारंडा के काढ़ा को ब्रांड बनाने का तैयार हो रहा रोडमैप

जासं, चाईबासा : अगर सरकार ने पहल की तो सारंडा जंगल के औषधीय पौधों से तैयार काढ़ा या इम्युनिटी बूस्टर आम आदमी के लिए उपलब्ध हो सकता है। आने वाले समय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले इस देशी हर्बल पेय को आप दवा दुकानों से खरीद पायेंगे। इस उत्पाद के व्यवसायीकरण व उपलब्धता को लेकर रोड मैप तैयार किया जा रहा है।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि हम लोग तीन स्तर पर इस दिशा में काम कर रहे हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले सारंडा का काढ़ा तैयार करने के लिए करमपदा वन समिति के बाद अब थोलकोबाद, कुमडीह व अन्य वन समितियों को भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। ये वन समितियां जितना भी उत्पाद तैयार कर बेचेंगी, इसका सारा लाभ इन समिति के सदस्यों को ही मिलेगा। वन समितियां अल्पकाल के लिए उत्पाद की बिक्री के लिए पंजीकरण कराने की तैयारी कर रही हैं। दूसरी योजना यह है कि ऐसे लोग जो इस उत्पाद को स्वयं तैयार करना चाहते हैं, उन्हें इसकी विधि बता दी जाएगी। वो तैयार उत्पाद को लाइसेंस लेकर बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। हम लोगों से पंजाब, हरियाणा व झारखंड के कई जिलों से सारंडा के काढ़ा को तैयार करने को लेकर संपर्क किया गया है। चाईबासा व आसपास के उद्यमियों ने भी इसकी बिक्री को लेकर संपर्क किया है। अगर उद्यमी चाहेंगे तो वो अपने स्तर से जरूरत अनुसार इसमें और सुधार कर बिक्री की व्यवस्था कर सकते हैं। इसके लिए वन विभाग सभी को प्रेरित कर रहा है। अगर योजना अनुरूप सारा काम हो गया तो आने वाले दिनों में सारंडा का काढ़ा भी ब्रांड बनकर आएगा।

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सारंडा के उत्पाद के प्रचार-प्रसार पर काम करेगा जिला प्रशासन : उपायुक्त

उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि लोकल स्तर पर बनने वाले इम्यूनिटी बूस्टर को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से निर्देश प्राप्त है। यह कोरोना से बचाव के लिए दवा नहीं है, लेकिन यह सेहत के लिए काफी अच्छा है। फिलहाल जिले के सभी क्वारंटाइन सेंटर में इसे प्रवासी श्रमिकों को पिलाने की तैयारी चल रही है। बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए सरकार प्रयास करेगी तो यह अच्छी पहल होगी। दरअसल, सारंडा में औषधीय पौधे बहुतायत में हैं। आयुर्वेदिक तरीके से वन विभाग ने वन समिति के माध्यम से कोरोना काल में सारंडा इम्युनिटी बूस्टर तैयार किया है। मैंने स्वयं अपनी प्रशासनिक टीम के साथ इसका स्वाद लिया है। शरीर के लिए लाभदायक होने के साथ इसका स्वाद भी बढि़या है। जिला प्रशासन इस उत्पाद के प्रचार-प्रसार को लेकर विचार कर रहा है। इस संबंध में वन विभाग के पदाधिकारियों ने पिछले दिनों इस पर चर्चा की थी। इसे बाजार में तभी उतारा जा सकता है जब बिक्री के लिए लाइसेंस मिलेगा। इसके लिए वन समितियां अपने स्तर से काम कर रही हैं। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देना जरूरी है। इससे रोजगार के साथ-साथ स्वावलंबन की दिशा में भी काम होगा।

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- सारंडा का काढ़ा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। काढ़ा में मिलाया गया जड़ी-बुटी बहुत उमदा किस्म का है। इसका इस्तेमाल सभी को करना चाहिए। हमें विदेशी कंपनी का इम्यूनिटी बुस्टर इस्तेमाल करते हैं, इससे बेहतर यह काढ़ा देशी और स्थानीय स्तर पर तैयार किया गया है।

नितिन प्रकाश, अध्यक्ष, चाईबासा चेंबर

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- सारंडा में वन समिति काढ़ा तैयार कर रही है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का नया अवसर मिलेगा। वन विभाग ने एक सराहनीय पहल शुरु किया है। राज्य सरकार को इस पर ध्यान देकर इसे विस्तार करना चाहिए। जिससे हमें सारंडा के काढ़ा को राज्य के हर घर तक पहुंचा सके।

निरंजन गोयल, अध्यक्ष, पश्चिमी सिंहभूम चेंबर।

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- सारंडा जंगल बहुत विशाल है, यहां से शुरु किया गया यह प्रयास लंबे समय तक चलेगा। हम बड़े स्तर पर बाहर के इम्यूनिटी बुस्टर का इस्तेमाल करते हैं। इसी को एक उद्योग के रुप में शुरु करने पर सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। सरकार को इस ओर पहल करनी चाहिए, जिससे प्रवासी मजदूरों को यहां रोजगार मिल सके।

मुकेश मोदी, मोदी फ्रेश के उत्पादक।

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- सारंडा का यह काढ़ा सेहत के साथ रोजगार का द्वार भी खोल सकता है। हमारे जिला के हजारों मजदूर इस प्रकार के बड़े कंपनियों में काम करने के लिए जाते हैं। वही काम हमें अपने जिला में मिलेगा तो कोई बाहर काम की तलाश में परिवार से दूर नहीं होगा। लॉकडाउन के दौरान जितना परेशानी झेले हैं, मजदूर यहां खुशी से काम करेंगे।

प्रो. मुरारी लाल वैद्य, कोल्हान विवि।

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- वन विभाग की दूर-दर्शी सोच का नतीजा है कि सारंडा के काढ़ा को पूरे जिले में पसंद किया जा रहा है। काढ़ा को एक बार पीने वाले दूसरे बार का इंतजार कर रहे हैं। मांग के अनुरुप यह बाजार में मिल भी नहीं रहा है। इस लिए ट्रेड लाइसेंस की मांग की गई है। लाइसेंस मिलने से दुकानों में भी आसानी के साथ यह काढ़ा मिलने लगेगा। सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

संजय कुमार शारदा, उद्योगपति सह समाजसेवी, बड़ाजामदा।


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