Move to Jagran APP

डीसी साहब शुक्र मनाइए, इसबार बच गई है बच्चों की जान

जागरण संवाददाता चाईबासा उपायुक्त साहब शुक्र मनाइए बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे इसलिए जान बच गई। जिला शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण एक और स्कूल भवन का छज्जा धराशायी हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 11:28 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 11:28 PM (IST)
डीसी साहब शुक्र मनाइए, इसबार बच गई है बच्चों की जान
डीसी साहब शुक्र मनाइए, इसबार बच गई है बच्चों की जान

जागरण संवाददाता, चाईबासा : उपायुक्त साहब शुक्र मनाइए, बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे, इसलिए जान बच गई। जिला शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण एक और स्कूल भवन का छज्जा धराशायी हो गया। अच्छी बात यह रही कि एक भी बच्चा मलबे की चपेट में नहीं आया। पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरकेला का छज्जा शुक्रवार को अचानक ध्वस्त हो गया। जिस समय छज्जा गिरा उस समय सभी विद्यार्थी मैदान में मध्याह्न भोजन कर रहे थे। इस वजह से सभी बच गए। बताया जा रहा है कि छज्जा का निर्माण बिना पिलर के किया गया है। लंबे समय से देखरेख के अभाव में छज्जा कमजोर हो गया था। शुक्रवार को दोपहर करीब 1.40 बजे जैसे ही छज्जा गिरा, स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों और विद्यार्थियों की नजर जब विद्यालय भवन पर पड़ी तो देखा छज्जा धराशायी हो चुका था। इससे सभी सहम गए।

loksabha election banner

विद्यालय के प्रधान शिक्षक राजेश सामंत ने बताया कि विद्यालय का भवन 2005-06 में बनाया गया था। विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए विभाग को दो माह पहले ही पत्र लिखा गया था मगर संज्ञान नहीं लिया। शुक्रवार को विद्यालय में नौवीं व दसवीं के कुल 163 विद्यार्थी मौजूद थे। अगर कक्षा संचालन के समय यह हादसा होता तो बड़ी घटना हो जाती। घटना के बारे में खूंटपानी के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को जानकारी दे दी गयी है।

ज्ञात हो कि जुलाई माह में बंदगांव में एक स्कूल भवन का छज्जा गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। इसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में जिले में अवस्थित सभी जर्जर स्कूल भवनों की रिपोर्ट मांगी थी। सभी प्रखंडों ने अपने-अपने क्षेत्र के जर्जर स्कूल भवनों की रिपोर्ट विभाग को प्रेषित भी कर दी थी मगर उसके बाद रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। प्रशासन की ओर से किसी तरह का कोई सर्वे नहीं कराया गया। न ही जर्जर भवनों की मरम्मत करने की पहल की गयी। अभी बारिश का मौसम है। ऐसे में अन्य जर्जर भवनों के ध्वस्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता। शुक्र मनाइये बरकेला में हुए हादसे के समय सभी बच्चे एमडीएम कर रहे थे, नहीं तो फिर किसी छात्र की जान जा सकती थी।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.