सारंडा के बच्चों के अमृतसर में बने अच्छे दोस्त
सीआरपीएफ 197 बटालियन की ओर से 12वीं जनजातीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के समापन समारोह का आयोजन किया गया।
जासं, चाईबासा : सीआरपीएफ 197 बटालियन की ओर से 12वीं जनजातीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी सरकार राजा रमण कहा कि यह वाहिनी सारंडा क्षेत्र में मार्च 2012 से तैनात है और तब से अभी तक सारंडा क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों के विरूद्ध अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दे रही है। जिससे आज सारंडा क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगा पाने में कामयाबी हासिल की है । सारंडा जैसे अत्यधिक नक्सलग्रस्त क्षेत्र में आदिवासी युवाओं को प्रोत्साहन देते हुए सीआरपीएफ 174 बल ने जन-जातीय प्रोग्राम के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जागरूकता लाने का सफल प्रयास किया है। इस कार्यक्रम के दौरान सारंडा के 30 बच्चों की टीम पंजाब के अमृतसर का दौरान कर लौटी है। हजारी लाल ने कहा कि आप सभी बच्चे इस देश के भविष्य हैं, आप लोग जो कुछ भी अच्छा सीख कर आए हैं। उसे अमल में लाएं व दूसरे बच्चों के साथ साझा भी करें। जो बच्चे इस वर्ष जनजातीय कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है वह आने वाले समय तैयार रहें। इस अवसर पर प्रतिभागी सरिता कोड़ा ने कहा कि अमृतसर भ्रमण के दौरान देश के अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों से मुलाकात किया। उनके साथ संवाद का आदान-प्रदान यादगार रहा। कई अच्छे दोस्त भी बने। जिनसे हमेशा फोन पर बात होगी। वहां के दोस्तों ने कई उपहार भी हम लोगों को दिए जो जीवन का एक यादगार लम्हा रहेगा। ऐसा सुनहरा अवसर देने के लिए के सीआरपीएफ का सदैव आभारी रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में उप कमांडेंट संजय कुमार सिन्हा द्वारा बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।