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एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव बंद होने ग्रामीणों में आक्रोश

गोईलकेरा में पिछले 3 फरवरी को साढ़े छह घंटे रेल चक्का जाम के बाद रेल अधिकारियों ने एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के आश्वासन पर अब तक अमल नहीं किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 08:30 PM (IST)
एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव बंद होने ग्रामीणों में आक्रोश
एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव बंद होने ग्रामीणों में आक्रोश

जागरण टीम, सोनुवा/गोईलकेरा : गोईलकेरा में पिछले 3 फरवरी को साढ़े छह घंटे रेल चक्का जाम के बाद रेल अधिकारियों ने एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के आश्वासन पर अब तक अमल नहीं किया है। नतीजन क्षेत्र के हजारों गांवों के लाखों लोग अब भी लाकडाउन सरीखा जीवन व्यतीत करने को विवश हैं। नाराज लोग रेलवे की पहल का इंतजार बेहद बेसब्री से कर रहे हैं। माकूल नतीजा न दिखा, तो पुन: विराट आंदोलन से रेलवे व जिला प्रशासन को दो चार होना पड़ेगा। इसे लेकर प्रमुख लोगों ने अपने विचार जागरण से साझा किए।

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तीन फरवरी को रेल चक्का जाम के दौरान रेल अधिकारियों द्वारा साउथ बिहार एक्सप्रेस और उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव दो से तीन दिनों में सुनिश्चित होने की घोषणा की गई, परंतु चार दिन बीत जाने के बावजूद दोनों ट्रेनों का ठहराव नहीं दिया गया। जिससे आम जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है। इसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।

फोटो संख्या-8

राजेश चौरसिया (कांग्रेस नेता, गोईलकेरा।

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सीनियर डीसीएम एवं एसडीएम द्वारा गोईलकेरा में दो एक्सप्रेस ट्रेनों की घोषणा की गई, परंतु चार दिन समाप्त होने के बावजूद ट्रेनों का ठहराव नहीं हुआ है। गोईलकेरा प्रखंड के 107 गांव के लोग चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार के लिए ट्रेनों पर आश्रित है। अब लोगों का धैर्य जबाब देने लगा है।

फोटो संख्या-9

-श्रीकांत कुमार, प्रदेश महासचिव राष्ट्रीय जनता दल।

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गोईलकेरा में बरसों से साउथ बिहार एक्सप्रेस, कलिंग उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव दिया गया था। गरीब व ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उच्च शिक्षा के लिए बच्चे चक्रधरपुर, टाटानगर व राउरकेला जाने के लिए ट्रेनों पर निर्भर थे। लाकडाउन के बाद अचानक रेलवे द्वारा गोईलकेरा में एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव उठा लिया गया है। जिससे बच्चों की उच्च शिक्षा पर ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा है।

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- संजय जायसवाल, ग्रामीण।

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उत्कल एवं दक्षिण बिहार एक्सप्रेस के ठहराव के लिए विगत तीन फरवरी को गोईलकेरा में हुए रेल चक्का जाम के बाद वरीय वाणिज्य प्रबंधक द्वारा सात दिन का समय लिया गया है। उम्मीद है कि उक्त समयावधि में दोनों ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित हो जाएगा। अगर रेल अधिकारी इसे हल्के में लेते हैं, तो फिर इससे भी बड़ा आंदोलन हो सकता है।

फोटो संख्या-11

दिनेश गुप्ता, प्रवक्ता, नागरिक एकता मंच, गोईलकेरा।

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रेलवे ने एक सप्ताह का टाइम लिया है। अगर रेलवे नहीं मानती है, तो कमेटी बनाकर सोनुवा में भी आंदोलन होगा।

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-पूर्व विधायक गुरुचरण नायक।

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सोनुवा प्रखंड में एक कमेटी बनाकर कर रणनीति तय करेंगे। इसके बाद ट्रेनों के ठहराव के लिए आंदोलन किया जाएगा।

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- अजित मांझी, पोडहाट पंचायत के मुखिया सह झामुमो प्रखंड अध्यक्ष।

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गोईलकेरा रेल चक्का जाम में सोनुवा स्टेशन में भी ठहराव का आश्वासन मिला है। इसलिए एक सप्ताह इंतजार कर रहे हैं, नहीं तो आंदोलन होगा।

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- केदारनाथ नायक मुखिया सह भाजपा प्रखंड अध्यक्ष।


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