बोकना के रैयतों को हर हाल में लौटानी पड़ेगी जमीन : मधु कोड़ा
बोकना लौह अयस्क भंडारण प्लॉट जमीन विवाद मामले में आंदोलन के लिए 15 गांव के ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है।
संवाद सूत्र, नोवामुंडी : बोकना लौह अयस्क भंडारण प्लॉट जमीन विवाद मामले में आंदोलन के लिए 15 गांव के ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है। आंदोलन को और अधिक उग्र रूप देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का आशीर्वाद रैयतों के साथ है। बोकना गांव में रविवार को गांव के मुंडा विक्रम चांपिया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान आसपास गांव के सैकड़ों पुरुष व महिलाएं पहुंची थीं। मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि जिस जगह पर टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट कंपनी ने लौह अयस्क भंडारण किया है। यह जमीन बोकना गांव के रैयतों की है। रैयतों ने जमीन लौटाने की मांग को लेकर पहली जून से आंदोलन शुरू किया है। इसी बीच नोवामुंडी अंचल कार्यालय में वार्ता के लिए तीन बार बैठक हो चुकी है। वार्ता में कोई हल नहीं निकला। हर हाल में कंपनी को रैयतों की जमीन लौटानी पड़ेगी। तबतक के लिए प्लॉट से लौह अयस्क डिस्पैच बंद रहेगा। उन्होंने रैयतों के संगठन को और अधिक मजबूत करने की अपील करते हुए किसी के झांसे में नहीं पड़ने की बात कही। विक्रम चांपिया ने बताया कि एक जुलाई के दिन कुछ रैयतों को जगन्नाथपुर अनुमंडल कार्यालय में बुलाकर वार्ता की औपचारिता पूरी की गई थी। उस वार्ता में कृष्णा चांपिया, गेड़े चांपिया और पातर पुरती उपस्थित नहीं थे। परंतु वार्ता की गई कागजात में हस्ताक्षर दिखाया गया है। इससे नाराज तीनों रैयतों ने मिलकर दो जुलाई के दिन प्लॉट से शुरू की गई लौह अयस्क ढुलाई को फिर से रोक दिया है। मौके पर रैयतों में कृष्णा चांपिया, गेड़े चांपिया, पातर पुरती, सुखलाल चांपिया के अलावा राइका, लिपुंगा, ठाकुरा, जाटा हाटिग, हिरजी हाटिग, गुवा साई, बालजोड़ी और बोकना गांव के ग्रामीण उपस्थित थे।