हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी ट्रेन नहीं चलने से लौहांचल के लोगों का संपर्क टूटा
हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन बंद होने से लौहांचल के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन बंद होने से लौहांचल के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जनशताब्दी ट्रेन बंद होने से चाईबासा, झींकपानी, डांगोवापोसी, नोवामुंडी, बड़ाजामदा, गुवा, बड़बिल व किरीबुरू से कोलकाता जाने का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। इस क्षेत्र के लिए मात्र एक ही ट्रेन थी। इस ट्रेन से चाईबासा, बड़ाजामदा व आसपास के व्यापारी, मेडिकल मरीज, खदान के कर्मचारी व विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए के लिए जाना-आना करते थे, उनकों दिक्कतें हो रही हैं। पश्चिम सिहभूम जिले के बड़ाजामदावासियों ने इस कोरोना वायरस के कारण ट्रेन बंद करने पर रेलवे पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कहा कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड राज्य को जोड़ने के दौरान पैसेंजर को फायदा मिलता था। रेलवे को इस क्षेत्र से रैक लोडिग से करोड़ों रुपये की आमदनी होती है। इस ट्रेन को चलने से कोई नुकसान नहीं है। चाईबासा-बड़ाजामदा रेलवे ट्रैक पर रोजाना कम से कम 100 मालगाड़ियों का आवागमन होता है। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व रेलवे विभाग के पास जमा होता है। साथ ही हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस भी कभी नुकसान में नहीं चली है। इस ट्रेन में भी प्राय: सवारियों का आवागमन बराबर होते रहता है।
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हावड़ा से बड़बिल चलने वाले जनशताब्दी ट्रेन रेलवे को चलाना चाहिए। इस क्षेत्र के लिए जनशताब्दी ट्रेन लाइफ लाइन माना जाता है। इन्होंने सरकार से निवेदन किया कि जल्द से जल्द ट्रेन शुरू कर दिया जाय। रेलवे प्रशासन को कोरोना वायरस नियम को पालन करते हुए ट्रेन को चलाना चाहिए।
फोटो - 22- पनय सातरा, बड़ाजामदा।
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हावड़ा से बड़बिल जनशताब्दी नहीं चलने से क्षेत्र के लोग पूरी तरह से कट चुके है। इस क्षेत्र को जोड़ने के लिए मात्र जनशताब्दी ट्रेन ही है। बाहर पढ़ने वाले विद्यार्थियों का आना-जाना नहीं हो पा रहा है। रेलवे प्रशासन को जनशताब्दी ट्रेन चलाना चाहिए, ताकि लोगों को मेडिकल सुविधा मिल सके।
फोटो - 23 - सुकुमार राय, शिक्षक बड़ाजामदा।