चाईबासा बाल सुधार गृह में पुराने लड़कों ने बनाया गैंग, मांगते हैं नए बंदियों से रंगदारी
संवाद सहयोगी चाईबासा चाईबासा बाल सुधार गृह में पुराने बंदी अपना गैंग बनाकर नए बंदियों से
संवाद सहयोगी, चाईबासा : चाईबासा बाल सुधार गृह में पुराने बंदी अपना गैंग बनाकर नए बंदियों से रंगदारी वसूलने का काम करते हैं। पैसा नहीं देने पर रात में पूरा गैंग मिलकर नए बंदी से मारपीट करता है। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब पिटाई से चोटिल होने के बाद एक बाल बंदी सदर अस्पताल पहुंचा। पता चला है कि बीते शनिवार को पहुंचे उक्त बंदी से 10-15 हजार रुपये रंगदारी की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर शनिवार रात को ही बेल्ट, लात, घूसों से जमकर पीटा गया। साथ ही धमकी भी दी गई कि किसी से बताने पर अंजाम भुगतना होगा। उस बंदी को जब शरीर, सिर में असहाय दर्द महसूस हुआ तो बंदी गृह के डाक्टर को दिखाने के बाद बुधवार को सदर अस्पताल में एक्स-रे व सिटी स्कैन कराने के लिए लाया गया। इसके बाद सारा मामला प्रकाश में आया। पीड़ित बंदी ने सदर अस्पताल में डाक्टरों के सामने चोट लगने का कारण बताया। कहा कि वह बिहार का रहने वाला है। शनिवार को सरायकेला जिला के गम्हरिया में लड़की के मामले में उसे पकड़कर चाईबासा बाल सुधार गृह लाया गया। उसी दिन कुछ लकड़ों के गैंग ने 10-15 हजार रुपये की मांग की। गैंग के लड़के कह रहे थे कि जो भी नया बंदी यहां आता है उसे रहने के लिए टैक्स देना पड़ता है। मुझसे भी पैसा मांगा गया, पैसा नहीं देने पर रात में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई। इसके बाद देर रात मुझे जगाकर सभी बाथरुम के पास ले गए और पैसा नहीं देने पर जमकर मारपीट की गई। रविवार सुबह में किसी से नहीं कहा लेकिन शरीर में कई जगह बहुत दर्द हो रहा था। दिन में उसी तरह बेड पर सोये रहा। सोमवार को नर्स दीदी आई तो उनकों बताया कि तबीयत सही नहीं है। इसके बाद वहां पहुंचे डा. संदीप बोदरा से दिखाया तो उन्होंने चोट के बारे जानकारी ली। डर से बताया पहले से लगी है चोट
गैंग के डर से डा. को भी बताया कि पहले से चोट लगी है। डा. ने सदर अस्पताल में एक्स-रे व सिर की चोट के लिए सिटी स्कैन करने के लिए कहा। सदर अस्पताल में डाक्टर के द्वारा बार-बार पूछे जाने पर सारी बात बता दी। बाल सुधार गृह में जितने भी नए लड़के पहुंचते हैं, सभी से पैसा रंगदारी के रूप में मांगा जाता है। गैंग के लड़कों का बर्तन, कपड़ा धुलाया जाता है। कमरे की सफाई कराई जाती है। काम नहीं करने पर सभी मिलकर मारपीट करते हैं। मंगलवार रात में भी दो लड़कों को बाथरुम में बंद कर मारपीट की गई है। सुबह तक दोनों लड़के बाथरुम में ही बंद थे। किसी को बताने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती है।
----------------------
बाल सुधार गृह में ऐसा कोई मामला नहीं है। लड़के को चोट बाथरुम में गिरने की वजह से आई है। अस्पताल पहुंचकर वह इस प्रकार का बयान दे रहा है। सही बात क्या है, इसकी मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। इसमें कोई भी दोषी होगा तो निश्चित कार्रवाई होगी। विभाग की ओर से सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है। ताकि अंदर की सारी गतिविधि पर निगरानी रखी जा सके।
- रुपा ठाकुर, निगरानी सदस्य, बाल सुधार गृह चाईबासा।