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माओवादियों के डर से मतदान के बाद अंगुलियों में नहीं लगाया स्याही का निशान

टोंटो-रोआम मुख्य सड़क पर बैनर पोस्टर पत्थर रख कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 06:39 PM (IST)
माओवादियों के डर से मतदान के बाद अंगुलियों में नहीं लगाया स्याही का निशान
माओवादियों के डर से मतदान के बाद अंगुलियों में नहीं लगाया स्याही का निशान

माओवादियों के डर से मतदान के बाद अंगुलियों में नहीं लगाया स्याही का निशान

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मो. तकी, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला के घोर नक्सल प्रभावित टोंटो प्रखंड के संकुल उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय रेंगड़ाहातु मतदान केंद्र समेत अन्य गांव में माओवादी ने खुलेआम दहशत फैला रखी थी। रेंगडाहातु विद्यालय में चार मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान केंद्र तक आने वाले चाईबासा-टोंटो मुख्य सड़क पर ही माओवादियों ने बड़ा पेड़ काट कर सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। साथ ही टोंटो-रोआम मुख्य सड़क पर बैनर, पोस्टर, पत्थर रख कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया गया था। सुयम्बा गांव की दीवार व पेड़ पर पोस्टर लगा कर लोगों के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश की गयी थी। रास्ते से गुजर रहे एक ग्रामीण ने बताया कि सड़क में गिरे पेड़ को जब कुछ ग्रामीण हटाने के लिए पहुंचे तो माओवादियों ने ग्रामीणों को धमकी दी कि जो भी पेड़ को हटायेगा, उसके सिर को काट दिया जायेगा। इसके डर से ग्रामीण मुख्य सड़क से बिना पेड़ हटाए ही लौट गए। उस सड़क से होकर लोग गुजरने से भी कतराने लगे थे। हालत यह थी कि मतदान केन्द्र रेंगडाहातु में मतदान करने पहुंचे ग्रामीण अपने अंगुलियों में स्याही का निशान भी नहीं लगा रहे थे। प्राथमिक विद्यालय माइलपी के केंद्र को सुरक्षा के दृष्टि से बदल कर रेंगड़ाहातु कर दिया गया था। इस केन्द्र 342 मतदाता थे, लेकिन माओवादियों के खौफ के कारण मात्र 13 वोट ही पड़े। प्राथमिक विद्यालय पाटातोराब मतदान केन्द्र में 297 में से मात्र 99 लोग ही अपने मत का प्रयोग किया जबकि उत्क्रमित मध्य विद्यालय उत्तर मतदान केन्द्र में 355 मतदाता में से 267 और दक्षिणी मतदान केन्द्र में 294 में से 214 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। हालांकि मतदान को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात की गई थी। मतदान केंद्र के आसपास गांव में सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात थे। मतदान केंद्र को 500 मीटर की दूरी से पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुरक्षा में सीआरपीएफ, कोबरा, जैप, डीएफई, जिला पुलिस बल समेत अन्य बल के जवान शामिल थे।


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