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डिजिटल इंडिया पर नेटवर्क का ग्रहण, 20 फिट उंची चट्टान पर हो रहा ई-पॉश में पंचिग

केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट ग्रामीण्

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 08:25 PM (IST)
डिजिटल इंडिया पर नेटवर्क का ग्रहण, 20 फिट उंची चट्टान पर हो रहा ई-पॉश में पंचिग
डिजिटल इंडिया पर नेटवर्क का ग्रहण, 20 फिट उंची चट्टान पर हो रहा ई-पॉश में पंचिग

मनीष कुमार दास, कुमारडुंगी : केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। गांव के लोग डिजिटल इंडिया के कारण काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण आपको इस तस्वीर में देखने को मिल जाएगा। यह तस्वीर पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी प्रखंड अंतर्गत खोकरकाटा गांव की है। तस्वीर मे दिख रहे लोग अपने महीने का राशन पाने के लिए ई-पॉश मशीन में पंचिग करने 20 फिट उंची चट्टान पर चढ़ रहे हैं। यह खोकरकाटा व उंडुदा गांव के लोगों के लिए हर माह का रुटीन बन गया है। प्रत्येक माह इन दो गांव के लोगों को इस चट्टान की उंचाई पर चढे़ बिना राशन नसीब नहीं होता है। धूप हो या वर्षा हर मौसम में चट्टान पर चढ़े बिना अनाज नहीं मिलता है। छोटारायकमन पंचायत का खोकरकाटा व उंडुदा गांव जंगल से सटा हुआ गांव है। इन दोनों गांव में पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। एक सड़क है भी तो मझगांव प्रखंड होते हुए जाना पड़ता है। सड़क पर कई नुकीले पत्थर निकले हैं। थोड़ी सी चुूक आपकी जान तक ले सकती है। इस गांव में मोबाइल नेटवर्क की काफी समस्या है। घर में बैठे आप फोन से अच्छी तरह बात तक नहीं कर सकते हैं। खोकरकाटा गांव में दो जनवितरण प्रणाली दुकान हैं। दोनों में उंडुदा व खोकरकाटा गांव मिलाकर लगभग 600 राशन कार्डधारी हैं। सभी कार्डधारी प्रत्येक माह राशन के लिए चट्टान पर 20 फिट चढ़कर पंचिंग करते हैं। उसके बाद ही उन्हें राशन मिलता है।

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76 वर्ष की उम्र है ठीक से चल नहीं पाती हूं। इसके बावजूद राशन लेने को पंचिग करने पत्थर के उपर चढ़ना पड़ता है। पत्थर फिसलन है इसलिए लोग मुझे पकड़कर उपर लेकर जाते है। पंचिग करने के बाद वापस भी उतार देते हैं।

- नोबोतो देवी, ग्रामीण खोकरकाटा।

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यह हर माह का रुटीन है। प्रत्येक माह इस चट्टान पर चढ़ने के बाद ही राशन मिलता है। बरसात में तो यह काफी फिसलन होता है। उस वक्त पंचिग के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

- भामा राउत, कार्डधारी।

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मैं खोकरकाटा गांव से तीन किलोमीटर दूर उंडुदा का रहने वाला हूं। वहां से पैदल राशन दुकान तक आकर पंचिग के लिए 20 फिट की चट्टान पर चढ़ाई करना होता है। वहां चढ़ते वक्त गिरने का डर रहता है पर यही हमारे भाग्य में लिखा है।

सुदुर हेम्ब्रम, ग्रामीण उंडुदा।

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जहां नेटवर्क वहां ऑफलाइन और जहां नेटवर्क नहीं वहां ऑनलाइन का नियम

कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र में कुल 62 जनवितरण दुकान पंजीकृत हैं। इसमें कुछ जनवितरण दुकानदारों को निलंबित होने व दूसरे जनवितरण के पास टैग होने के कारण वर्तमान में 55 डीलर चल रहे हैं। इसमें 22 जनवितरण दुकान महिला समूह को सौंपी गई है। 55 जनवितरण दुकानों में 46 डीलर को विभाग ने ऑनलाईन मशीन दे रखी है। नौ दुकानदार ऑफलाईन हैं। ऑफलाईन व ऑनलाईन के इस पेंच में खाद्य आपूर्ति विभाग अपनी लापरवाही का खुला सबूत देते हुए कार्य कर रहे हैं।

यहां नेटवर्क आने के बाद भी है ऑफलाइन व्यवस्था

कुमारडुंगी के छोटाजम्बनी के डीलर संतोष यादव, ईठर की डीलर सावित्री देवी, खुशबु महिला समूह कुमारडुंगी, गंडकीदाह के डीलर मथुरा कोंडाकेल को नेटवर्क रहने के बावजूद भी विभाग ने ऑफलाईन करके रखा है। वहीं जंगल किनारे बसे गांव जहां नेटवर्क नहीं रहता है, ऐसे गांव को ऑनलाईन मशीन दे रखी है। विभाग की लापरवाही के कारण जंगल के अंदर बसे लोगों को नेटवर्क के इस खेल में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


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