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3000 करोड़ रुपये चुकाने पर ही सेल कर सकेगी अवधि विस्तार वाली लौह अयस्क खदानों में खनन Chaibasa News

जिला खनन विभाग ने सेल किरीबुरू मेघाहातुबुरू गुवा व चिरिया को भेजा वसूली के लिए डिमांड निजी कंपनियों के बाद अब सरकारी उपक्रम पर भी खान मंत्रालय ने की चढ़ाई

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:27 PM (IST)
3000 करोड़ रुपये चुकाने पर ही सेल कर सकेगी अवधि विस्तार वाली लौह अयस्क खदानों में खनन Chaibasa News
3000 करोड़ रुपये चुकाने पर ही सेल कर सकेगी अवधि विस्तार वाली लौह अयस्क खदानों में खनन Chaibasa News

चाईबासा (सुधीर पांडेय)। पश्चिमी सिंहभूम की 7 खनन कंपनियों पर 700 करोड़ रुपये का नीलाम पत्र वाद दायर करने के बाद अब सरकार ने भारत की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) पर भी चढ़ाई चढ़नी शुरू की है।

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खनन विभाग ने पश्चिमी सिंहभूम में इस सरकारी उपक्रम के अधीन संचालित लौह अयस्क खदानों से करीब 3000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए डिमांड की है। यह डिमांड किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, गुवा और चिरिया सेल प्रबंधन से की गयी है। जब तक सेल 3000 करोड़ रुपये डिमांड राशि का भुगतान नहीं करेगी तब तक उसे हाल ही में जिन खदानों के खनन पट्टों का अवधि विस्तार सरकार ने दिया है, उसे चालू नहीं करने दिया जायेगा। पश्चिमी सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि सरकारी इस्पात कंपनियों के लिए अलग से बनाये गये मिनिरल (माइनिंग बाय गवरमेंट कंपनी) रूल 2015 के अंतर्गत सेल की विभिन्न खनन पट्टों का अवधि विस्तार झारखंड कैबिनेट से स्वीकृत किया गया है। सेल को इसके अन्य प्रावधानों के अंतर्गत राजस्व (रायल्टी) के समतुल्य राशि जमा करनी है। सेल की जिले में संचालित सभी खदानों को डिमांड बनाकर दिया गया है। यह एक बड़ी रकम है। अगर सेल डिमांड के अनुसार सारी राशि जमा कर देगी तो झारखंड सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपये राजस्व मद में प्राप्त होंगे। 

जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि ऐसे ही एक मामले में सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली इस्पात कंपनी नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) द्वारा राजस्व के समतुल्य एक बड़ी राशि सरकारी खजाने में जमा किये जाने के उपरांत ही कर्नाटक सरकार ने उसे माइंस संचालन की अनुमति प्रदान की थी। झारखंड में सेल पर भी यह लागू होता है। उसी के आधार पर करीब 3000 करोड़ का डिमांड तैयार कर कंपनी को भेजा गया है।

संजीव कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, चाईबासा।

पश्चिमी सिंहभूम में सेल के पास हैं 15 लौह अयस्क खदानें, अभी सिर्फ चार चालू

पश्चिमी सिंहभूम में भारतीय इस्पात प्राधिकरण को कुल 15 लौह अयस्क खदानों का खनन पट्टा प्राप्त है। इसमें गुवा आयरन ओर माइंस, दुर्गाईबुरू, जिलिंगबुरू-1, जिलिंगबुरू-2,तोपाईलोर, किरीबुरू-मेघाहातुबरू, चिरिया माइंस, धोबिल, मेकलेलन, अजीताबुरू, सुकरीलुतुबुरू, अंकुवा, तातीबुरू खदान शामिल हैं। वर्तमान में सेल की चार खदानें ही चालू अवस्था में हैं। इनमें किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, गुवा और धोबिल माइंस शामिल हैं। झारखंड सरकार ने कैबिनेट में पिछले माह जिलिंगबुरू-1, जिलिंगबुरू-2, तोपाईलोर व दुगाईबुरू का खनन पट्टा अवधि विस्तार को स्वीकृति प्रदान की है। 

किस खदान पर कितने रुपये का भेजा डिमांड

खदान का नाम                    राशि

सेल किरीबुरू लौह अयस्क खदान - 11,33,70,68,050

सेल मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खदान - 10,90,16,26,520

सेल गुवा लौह अयस्क खदान - 687,41,37,866

सेल चिरिया लौह अयस्क खदान - आंकड़ा अप्राप्त


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