संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए शहादत दिवस : डा. महतो
शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। हमें दूसरों की भलाई का संकल्प लेकर शहीद निर्मल महतो जी के सपनों को साकार करना है।
जासं, चक्रधरपुर : शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। हमें दूसरों की भलाई का संकल्प लेकर शहीद निर्मल महतो जी के सपनों को साकार करना है। उक्त बातें शनिवार को कुड़मी परिवार वाटसएप ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डा. जेके महतो ने कही। कुड़माली भाषा को हर हाल में आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा, चाहे इसके लिए आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। कार्यक्रम में शहीद निर्मल महतो को समर्पित मोहिनी मोहन महतो ने एक कविता प्रस्तुत कर लोगों को रोम रोम में उलगुलान का जोश भर दिया। शिक्षिका यशोदा महतो ने निर्मल महतो की संघर्ष गाथा को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर उनके वीरता का बखान की। कक्षा प्रथम का छात्र आयुष महतो ने कुड़माली भाषा में भाषण देकर सबका दिल को जीत लिया। डॉक्टर शिशिर कुमार महतो की प्रस्तुति श्रोताओं को गदगद कर दिया। उमाकांत महतो ने शहीद निर्मल महतो से संबंधित झूमर प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। अनंत महतो, धीरेंद्र नाथ महतो, हरीश चंद्र महतो, गरिमा महतो, सिद्धार्थ प्रधान आदि ने भी कविता, निबंध, पेंटिग, भाषण आदि के माध्यम से प्रस्तुति दी। इस मौके पर निबंध व पेंटिग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का परिणाम नौ अगस्त को घोषित किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओम प्रकाश महतो ने की तथा संचालन डॉ शिशिर कुमार महतो व धन्यवाद ज्ञापन राजेन्द्र प्रसाद महतो ''राजेन'' ने किया।