कई जलमीनार व हैंडपंप बने शोपीस, पानी का संकट
गांव में लगे जलमीनार और हैंडपंप जवाब दे रहे हैं। गर्मी से परेशान लोग पानी के लिए भटकने लगे हैं।
कई जलमीनार व हैंडपंप बने शोपीस, पानी का संकट
संवाद सूत्र, तांतनगर : आग उगल रही इस भीषण गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या विकराल होती जा रही है। कई जलमीनार और हैंडपंप शो पीस बनकर रह गए हैं। ऐसे में सरकार और विभाग का दावा छलावा साबित होता नजर आ रहा है। तांतनगर प्रखंड के कई गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है। गांव में लगे जलमीनार और हैंडपंप जवाब दे रहे हैं। गर्मी से परेशान लोग पानी के लिए भटकने लगे हैं। एक गांव ऐसा भी है जहां दिन भर पानी गिरता है पर देर रात होते ही पानी खत्म हो जाती। सुबह होते होते लोगों को पानी नसीब नहीं होता। घंटों इंतजार करने के बाद ही दोबारा पानी मिल पाता है। जिस कारण इस गांव के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे एक नजारा प्रखंड के खजुरिया गांव में देखने को मिला। यहां तांती टोली में 1 साल पहले एक सोलर जलमीनार लगाया गया है। जलमीनार में लगे टंकी पर छेद हो गया। जिस कारण दिन भर पानी गिरते रहता है। ग्रामीणों ने इसे रोकने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। पिछले कई माह से दिनभर पानी गिरते रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि इसे लेकर दिनभर मोर्टर भी चलाना पड़ता है। यदि शीघ्र ही पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यहां लगा मोर्टर भी हाथ खड़ा कर देगा। यहां के ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर होंगे। जल मीनार की बात करें तो प्रखंड के हरेक गांव में दो से तीन जलमीनार लगी हुई है लेकिन अधिकतर जलमीनार खराब पड़ी है। लोगों की माने तो जानकारी होने के बाद भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कानों में तेल डाल कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है। जल संकट को दूर करने को लेकर वह गंभीर नहीं है। प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए। पेयजल की समस्या को दूर करने की दिशा में सरकार द्वारा पहल भी की गयी है। जल शुद्धिकरण संयंत्र व जलमीनारों की स्थापना के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन उचित निगरानी व प्रशासनिक संवेदनहीनता के कारण विफल साबित हो रहा है। मौके पर बसंती तांती, रविना तांती, डूमी तांती, सुखमनि तांती, कोकिला तांती, लक्ष्मी तांती, मंजू तांती, कृष्णा कालिंदी, मधुसूदन बिरूवा, सन्नी तांती, शानू लागुरी, मालती बिरूवा आदि उपस्थित थे।