बच्चों के लिए बदलने लगी कुदलीबाड़ी की फिजा
राहुल हेम्ब्रोम चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम) चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या दो अंतर्ग
राहुल हेम्ब्रोम, चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम) : चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या दो अंतर्गत जुआ, शराब अड्डा व मलिन बस्ती के रूप में चर्चित कुदलीबाड़ी की फिजा बदलने का दायित्व यहां के युवाओं ने अपने कंधे पर उठा लिया है। लंबे प्रयास के बाद अब यहां जुआ पर प्रतिबंध लग गया है। कुदलीबाड़ी की दशा-दिशा बदलने की पहल के बाद मिशन एक प्रयास के टीम लीडर केशव मिश्र को सबका साथ मिलने लगा है। साई मांटेसरी इंग्लिश स्कूल के प्राचार्य केशव मिश्र मोहल्ले के लोगों व बच्चों के साथ कुदलीबाड़ी को स्वच्छ व शिक्षा से आलोकित करने के लिए विगत छह वर्षों से कार्य कर रहे हैं।
बच्चों को प्रारंभिक एवं माध्यमिक से लेकर कालेज तक की निश्शुल्क कोचिंग कराई जा रही है। यह समाज के बेहद पिछड़े और वंचित तबके के बच्चे हैं। मिशन एक प्रयास के स्वयं शिक्षकों एवं सदस्यों की घर-घर पकड़ है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ ही अच्छे संस्कार, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इन छह वर्षों में बस्ती की कई बेटियां अच्छे अंकों से माध्यमिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं उत्तीर्ण कर कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं।
मुंडा ने अध्ययन केंद्र के लिए अपनी जमीन दी दान
मुंडा बुद्धू गागराई मिशन एक प्रयास के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। प्रारंभिक दिनों में बच्चों की कोचिंग के लिए अध्ययन केंद्र की बहुत दिक्कत होती थी। गर्मी, बारिश और जाड़े के मौसम में कक्षा संचालित करने में कई तरह की समस्याएं आती थीं। केशव मिश्रा ने अध्ययन केंद्र के निर्माण के लिए आर्थिक रूप से पहल की तो मुंडा बुद्धू गागराई ने जमीन उपलब्ध कराई। जिसके बाद रोटरी क्लब चक्रधरपुर के सहयोग से शेड के रूप में अध्ययन केंद्र का निर्माण हो पाया। अभी अध्ययन केंद्र में बच्चों की समयानुसार कक्षाएं होती है।
भलियाकुदर व हरिजन बस्ती भी मिशन से जुड़े कुदलीबाड़ी की तेजी से बदलती तस्वीर देखकर आसपास के लोग भी प्रभावित हुए। भलियाकुदर एवं हरिजन बस्ती के लोगों ने भी मिशन एक प्रयास से जुड़ने की पहल की। अब इन तीनों बस्तियों में गरीब, शिक्षा से वंचित बच्चों, स्वच्छता और स्वास्थ्य पर कार्य किया जा रहा है।
क्या कहते हैं बस्तीवासी
बस्ती में पहले की अपेक्षा बहुत सुधार हुआ है। टीम के सदस्य लगातार हमसे संपर्क करते रहते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए अब अभिभावक भी जागरूक हो गए हैं।
- फोटो संख्या - पालो गोप, कुदलीबाड़ी।
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अब बस्ती के बच्चे बेवजह नहीं घूमते। उन्हें नियमित कोचिंग दी जा रही है। अनपढ़ माता-पिता भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर सचेत हैं और घर में बच्चों को पढ़ने के लिए बैठने को कहते हैं।
-जगमोहन सुंडी, कुदलीबाड़ी।
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बस्ती में महीने में दो बार सामूहिक रूप से स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। शिक्षक बच्चे और अभिभावकों के प्रयास से बस्ती की तस्वीर बदल रही है।
- ललिता बांकिरा, कुदलीबाड़ी।
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कुदलीबाड़ी में बच्चों के लिए अच्छा माहौल बन रहा है। हम तो यही चाहते हैं कि बच्चे पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनें नौकरी करें और दूसरों के लिए भी मिसाल बने।
- श्याम बोदरा, कुदलीबाड़ी। ----------
शुरू से ही मिशन एक प्रयास का हिस्सा हूं। कुदलीबाड़ी की फिजा में बदलाव का सारा श्रेय केशव सर को जाता है। कुदलीबाड़ी के साथ ही सुचारू रूप से भालियाकुदर, हरिजन बस्ती में भी शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य पर कार्य किया जा रहा है। हम दूसरे गांव के बच्चों को भी जोड़ेंगे और काम करेंगे।
-बुद्ध गागराई, मुंडा सह मिशन एक प्रयास का सदस्य।