काली मिर्च, शहद व तुलसी का काढ़ा बनाकर पी रहे सारंडा डीएफओ
साल वनों के लिए एशिया प्रसिद्ध सारंडा जंगल की सुरक्षा में लगे वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) रजनीश कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से वर्क फॉर होम कर रहे हैं।
सुधीर पांडेय, चाईबासा : साल वनों के लिए एशिया प्रसिद्ध सारंडा जंगल की सुरक्षा में लगे वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) रजनीश कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से वर्क फॉर होम कर रहे हैं। चाईबासा में सर्किट हाउस एरिया स्थित अपने आवास में ही दो शिफ्ट में करीब छह घंटे ऑफिस वर्क के लिए दे रहे हैं। अपने सूत्रों से हर दिन पेड़ों की कटाई व तस्करी के बारे में फोन से ही जानकारी ले रहे हैं। साथ ही साथ सारंडा जंगल के पूरे इतिहास और इलाके के विकास में हुए अब तक के कामों का अध्ययन भी कर रहे हैं ताकि नई योजनाओं पर आगे चलकर काम किया जा सके। रजनीश भारतीय वन सेवा 2014 बैच के पदाधिकारी हैं। डीएफओ रजनीश कहते हैं कि जब आठ घंटा ड्यूटी सिस्टम के तहत हम अपने कार्यालय में रहते हैं तो बहुत से विषयों पर बारीक अध्ययन करने का मौका नहीं मिल पाता। अब चूंकि ऑफिस वर्कलोड कम है तो सारंडा के बारे में और ज्यादा अध्ययन कर रहे हैं। साथ ही साथ अपने आप को फिट रखने और परिवार के साथ भी समय गुजारने का पूरा आनंद उठा रहे हैं। लाइफ स्टाइल में थोड़ा बदलाव करते हुए रजनीश सुबह 6.30-7.00 बजे के बीच उठकर अपना कुछ समय घर परिसर में ही स्थित बागवानी में दे रहे हैं। पत्नी कीर्ति सिंह व 2.5 साल की बेटी आध्या के साथ ग्रास कटिग भी खुद ही कर रहे हैं। सेहत पर ध्यान देते हुए और सर्दी-खांसी-जुकाम से बचने के लिए दिन की शुरुआत काली मिर्च, शहद व तुलसी का काढ़ा पीकर कर रहे हैं। सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक ट्रेड मिल पर दौड़ लगाना पहले से दिनचर्या में शामिल है। ये आज भी कर रहे हैं। कोरोना से बचाव का डीएफओ का सूत्र वाक्य है - Þजिदगी में थोड़ी शांति मिली है, जितना संभव हो घर पर रहो, अपना और अपने परिवार का ख्याल रखो'।