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दो माह पहले ही कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल ने आनंद चातार को कर दिया था संस्था से बर्खास्त

कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल के नाम से चलने वाली संस्था ने फर्जी सिपाही बहाली व मुफस्सिल थाना पर हमला के मुख्य आरोपित आनंद चातार को दो माह पहले ही कौंसिल से हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST)
दो माह पहले ही कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल ने आनंद चातार को कर दिया था संस्था से बर्खास्त
दो माह पहले ही कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल ने आनंद चातार को कर दिया था संस्था से बर्खास्त

संवाद सहयोगी, चाईबासा : कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल के नाम से चलने वाली संस्था ने फर्जी सिपाही बहाली व मुफस्सिल थाना पर हमला के मुख्य आरोपित आनंद चातार को दो माह पहले ही कौंसिल से हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल के सदस्य सह मानकी मानसिंह बांकिरा ने कहा कि चाईबासा के मुफस्सिल थाना में जिस प्रकार घटना हुई वह निंदनीय है। पूरे घटनाक्रम का मास्टर माइंड आनंद चातार व 5-6 लोग हैं, जो भोले-भाले आदिवासी युवक-युवतियों को दिग्भ्रमित कर इस प्रकार के गलत कार्य में लगा रहे हैं। आनंद चातार एक समय स्व. रामो बिरुवा के काफी करीबी हुआ करते थे। रामो बिरुवा कोल्हान के खेवटदार नंबर-1 थे इसलिए कौंसिल में आनंद को स्थाई सदस्य के साथ सचिव बनाया गया था। खुंटपानी के बिदीबासा केस में रामो बिरुवा को जब गिरफ्तार कर लिया गया और मामला न्यायालय में चला गया तो कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट कौंसिल ने अपनी सारी गतिविधि को बंद कर दिया। क्योंकि हम कभी अलग देश की मांग नहीं किए। हम कोल्हान में मानकी-मुंडा व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास कर रहे थे। कभी भी प्रशासन व पुलिस से टकराव के पक्षधर नहीं रहे हैं। रामो बिरुवा के जेल में मौत के बाद आनंद चातार कौंसिल से अलग होकर अपने तरीके से गलत क्रिया-कलाप करने लगा। इसकी जानकारी जब कौंसिल के सदस्यों को हुई तो उन्हें बैठक में बुला कर ऐसा कुछ नहीं करने की चेतावनी देते हुए पहली चेतावनी के तहत 24 नवंबर 2019 को 6 माह के लिए निष्कासित कर दिया गया था। इसके बावजूद वह कौंसिल के नियमों के विरुद्ध कार्य करते रहा। अंत में कौंसिल के सदस्य उनके कार्यशैली से परेशान होकर उन्हें नवंबर 2021 में पूरी तरह कौंसिल से निष्कासित कर चुके हैं। उस दौरान उसने हम लोगों से लड़ाई भी की थी। आनंद चातार के साथ 5-6 लोग हैं जो इस प्रकार की हरकत कर कौंसिल को बदनाम कर रहे हैं। आनंद चातार के द्वारा ही फर्जी बहाली व लोगों को बरगला कर इस प्रकार के निंदनीय घटना को अंजाम दिया गया है। प्रशासन से अनुरोध है कि निर्दाेष लोगों को पुलिस केस में नहीं फसाएं। इसमें मुख्य आरोपित आनंद चातार व 5-6 लोगों के ऊपर कार्रवाई कर जल्द जेल में डालें।

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