पत्नी की मौत के मामले में पति को दस साल की सजा
पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के केंदो देवगांव में विवाहिता महिला सरिता प्रधान की मौत के मामले में प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार के न्यायालय ने आरोपी पति प्रवीर प्रधान को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

जासं, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के केंदो देवगांव में विवाहिता महिला सरिता प्रधान की मौत के मामले में प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार के न्यायालय ने आरोपी पति प्रवीर प्रधान को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस संबंध में मृतका के परिजनों ने पिछले वर्ष 2020 में केंदो देवगांव के प्रवीर प्रधान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया कि विवाह के बाद से दहेज के लिए सरिता को प्रताड़ित किया जाता था। कभी पैसे और कभी सामान लाने को लेकर हुआ। जब पहली बार गर्भवती हुई थी तो उसके साथ मारपीट किया गया था। दहेज की मांग पूरी नहीं किये जाने के कारण उसकी पिटाई की गई थी। इसकी प्राथमिकी पहले ही चक्रधरपुर थाना में दर्ज कराई गयी थी। दोनों ठीक से साथ रहने की शर्त पर बाद में दोनों पक्षों के बीच सुलह करा दी गयी थी। इसके बाद कुछ दिन तक सब सामान्य रहा, लेकिन सरिता के पति और उसके बड़े भाई विनय प्रधान व भाभी रुपोसिनी प्रधान हमेशा सरिता को प्रताड़ित किया करते थे। मां के अनुसार, घटना के दिन रविवार की सुबह मेरी बेटी का फोन आया। उसने कहा कि मेरे पति ने बातचीत बंद कर दिया है और दो लाख रुपये या एक बुलेट मोटरसाइकिल लेकर आने कह रहे हैं। इससे ज्यादा वह कुछ बता पाती कि बेटी का फोन काट दिया गया। वह बताती है कि सुबह 6 बजे से पहले बेटी के साथ फोन पर बात हुई थी। फिर करीब सुबह 8 बजे फोन पर सूचना दी गई कि कि मेरी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। उसके मुताबिक बेटी ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसे मारा गया है।
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