पश्चिम सिंहभूम में एक डाक्टर के सहारे 26 हजार 388 जिंदगी
पश्चिम सिंहभूम जिले में हम कुपोषण समेत अन्य बीमारी से कैसे लड़ सकते हैं जब 26 हजार 388 व्यक्तियों पर एक डाक्टर की तैनाती की गई है।
मो. तकी, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले में हम कुपोषण समेत अन्य बीमारी से कैसे लड़ सकते हैं जब 26 हजार 388 व्यक्तियों पर एक डाक्टर की तैनाती की गई है। जिले में वर्तमान आबादी लगभग 19 लाख के करीब है। इसमें मात्र 72 डाक्टर ही तैनात हैं। जबकि जिले में 215 डाक्टर की जरुरत है। वहीं 143 पद खाली पड़ा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों के अनुसार एक हजार व्यक्तियों पर एक डाक्टर का होना आवश्यक है। इस लिहाज से देखा जाए तो हमारे स्वास्थ्य की हालत कैसी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 342 उप स्वास्थ्य केन्द्र और 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मौजूद हैं। इनमें स्थायी और विभिन्न स्त्रोतों से जिले में 723 एएनएम मौजूद हैं। जबकि 938 एएनएम का पद स्वीकृत है इस लिहाज से 215 पद अभी भी खाली पड़ा हुआ है। जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं है। इसमें गोईलकेरा व गुदड़ी प्रखंड का नाम शामिल है। यह दोनों क्षेत्र अत्यंत बिहड़ क्षेत्र में गिना जाता है। जिले में चिकित्सकों की कमी के कारण ही उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। यही कारण है कि कुपोषण की दर जिले में 11.5 फीसद तक पहुंच गई है। वहीं किसी-किसी प्रखंड में 13.5 फीसद तक कुपोषण रिकार्ड किया गया है। वहीं मृत्यु दर 2.5 फीसद तक है। ग्रामीण अस्पतालों में कुछ भी संसाधन मौजूद नहीं है। जिससे मरीजों का इलाज किया जा सके। रक्त जांच, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधाएं भी जिले के लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में नसीब नहीं होता है। पश्चिमी सिंहभूम जिला मलेरिया और डेंगू के जोन में है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सक्रिय रहता है।