बंद खदानों को खोलने के लिए एनओसी लेने को प्रयासरत सरकार : जोबा मांझी
जागरण संवाददाता चाईबासा सारंडा जंगल की गोद में बसे मिर्चीगढ़ा गांव में सोमवार को गांव का
जागरण संवाददाता, चाईबासा : सारंडा जंगल की गोद में बसे मिर्चीगढ़ा गांव में सोमवार को गांव का स्थापना दिवस सह मिलन समारोह उत्साह के साथ मनाया गया। ग्रामीणों का साथ देने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी भी मिर्चीगढ़ा गांव पहुंची हुई थी। गांव में पहुंचने से पहले उन्होंने किरीबुरू स्थित भगवान बिरसा मुंडा, भीम राव आंबेडकर, नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मिर्चीगढ़ा गांव के स्थापना दिवस में सारंडा के दर्जनों गांवों के ग्रामीण शामिल हुए और मंत्री जोबा मांझी से मिलकर अपने-अपनी गांवों की समस्याओं को रखा। इस अवस पर पत्रकारों से बातचीत के क्रम में जोबा ने कहा कि हमारी सरकार सारंडा के गांवों को मान्यता, वनाधिकार का पट्टा, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी आदि तमाम सुविधाएं बहाल करने का कार्य कर रही है। गांवों में पेयजल सुविधा देने का काम चल रहा है। भविष्य में सारंडा के तमाम वन ग्रामों के लोग राजस्व ग्रामों की तरह विकास योजनाओं का लाभ लेते दिखेंगे। वन विभाग द्वारा सारंडा में बसाए गए दस वन ग्रामों के ग्रामीणों को वनाधिकार का पट्टा देकर राजस्व गांव का दर्जा देने व सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने का कार्य होगा। रोजगार के सवाल पर कहा कि क्षेत्र कि खादानें बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है। खदानें रिजर्व वन क्षेत्र में हैं जिसे खोलने के लिए केंद्र सरकार से भी एनओसी लेने की जरूरत होती है। राज्य सरकार एनओसी लेने के लिए प्रयासरत है ताकि जल्द खदानें खुलें जिससे लोगों को रोजगार मिले। कहा कि पूरे झारखंड में पंचायत व प्रखंड स्तर से चयनित कर इस बार लगभग तीन लाख नए वृद्धा, विधवा, दिव्यांगों को पेंशन योजना से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। अगले वित्तीय वर्ष से सभी नए लाभुकों के खाते में पेंशन मिलना प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस राजस्व गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है वहां ग्राम सभा से अनुशंसा कराकर मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का कार्य किया जाएगा।