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आनंदपुर में हाथियों ने डेरा जमाया, ग्रामीणों में दहशत

आनंदपुर प्रखंड अंतर्गत वनसाई मुंडा टोला में अब भी हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है। जिससे स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों द्वारा लगातार क्षेत्र से हाथियों को भगाने का प्रयास जारी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:03 PM (IST)
आनंदपुर में हाथियों ने डेरा जमाया, ग्रामीणों में दहशत

संवाद सूत्र, मनोहरपुर : आनंदपुर प्रखंड अंतर्गत वनसाई मुंडा टोला में अब भी हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है। जिससे स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों द्वारा लगातार क्षेत्र से हाथियों को भगाने का प्रयास जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के उक्त झुंड में कुल नौ हाथी शामिल हैं। उनमें तीन हाथी के बच्चे भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात के वक्त हाथियों के झुंड ने कोयल नदी पार करने का प्रयास किया था। लेकिन नदी में ज्यादा पानी होने और छोटे हाथी के बच्चे होने के कारण अब भी हाथियों का झुंड कोयल नदी के वनसाई में जमा हुआ है। इससे पहले इन्ही हाथियों के झुंड ने आनंदपुर प्रखंड के तेंतुलडीह, मोरंग, इचिडा, समीज और बागचट्टा गांव में दर्जनों किसानों की फसल को नष्ट कर दिया था। साथ ही कई घरों को क्षतिग्रस्त भी किया था। वन विभाग नहीं उठा रही सार्थक कदम

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हर साल जंगली हाथियों के आगमन और दर्जनों किसानों की फसल की बर्बादी को लेकर पशु प्रेमी विश्वनाथ राउत का कहना है कि जंगली हाथियों को लेकर वन विभाग कोई सार्थक कदम नहीं उठा रही है। राउत ने कहा कि जंगली हाथी हर वर्ष आनंदपुर, मनोहरपुर, गोईलकेरा और सोनुवा सहित कई प्रखंड के गांवों में घुसकर जानमाल की क्षति पहुंचाते हैं। जबकि वन विभाग सिर्फ क्षतिपूर्ति की राशि देकर आंख मूंद लेता है। विभाग को इस संबंध में कोई ठोस रणनीति बनानी चाहिए। ताकि क्षेत्र में हाथियों के आगमन को रोका जा सके और जान माल की क्षति से बचा जा सके। विगत दिनों हुई थी तीन हाथियों की मौत

विगत दिन आनंदपुर व मनोहरपुर प्रखंड में अज्ञात बीमारी के कारण तीन हाथियों की मौत हो गई थी। ये हाथी अपने झुंड से बिछड़ गए थे और अज्ञात बीमारी के कारण तीन हाथियों की मौत हो गई थी। बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मौत की वजह बीमारी बताई गई थी।

हर साल सैकड़ों किसान होते हैं प्रभावित

वन विभाग के ठोस रणनीति के अभाव व हर वर्ष हाथियों के आगमन के कारण सैकड़ों किसानों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। कई लोगों को हाथियों के कारण अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। इसके अलावा जंगली हाथियों द्वारा कई ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया जाता है।


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