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विद्यार्थियों को नैतिकवान और चरित्रवान बनाएं विश्वविद्यालय: द्रौपदी मुर्मू

Draupadi Murmu.

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 12:47 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 12:47 PM (IST)
विद्यार्थियों को नैतिकवान और चरित्रवान बनाएं विश्वविद्यालय: द्रौपदी मुर्मू
विद्यार्थियों को नैतिकवान और चरित्रवान बनाएं विश्वविद्यालय: द्रौपदी मुर्मू

जागरण संवाददाता, चाईबासा। कोल्हान विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षा समारोह में 2400 से ज्यादा विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान करते हुए राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना स्नेह और आशीर्वाद दिया। कुलाधिपति ने विद्यार्थियों को देश और समाज की अमूल्य संपदा बताते हुए कहा कि ज्ञान और तकनीक के प्रतियोगितात्मक युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। कक्षा में अर्जित ज्ञान की सार्थकता उसके सामाजिक एवं व्यावहारिक प्रतिफलन में है। हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक, सु-संस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में विकसित हों। वे नैतिकवान एवं चरित्रवान हों। ऐसे में देखें तो दीक्षा समारोह शिक्षा का समापन नहीं बल्कि आरंभ होता है।

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चाईबासा में टाटा कालेज परिसर में नवनिर्मित बहुउद्देशीय भवन में हुए दीक्षा समारोह में कुलाधिपति ने विद्यार्थियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया। कहा कि आज आप उपाधि ग्रहण कर रहे हैं, केवल यही जीवन का मकसद नहीं है। आपको जीवन के कर्म क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी दक्षता एवं प्रतिभा से अपनी पहचान स्थापित करनी है। आप जिस किसी भी क्षेत्र में कार्य करें, उसमें उत्कृष्टता हासिल करने की ओर सतत प्रयासरत रहें। अपनी प्रतिभा से सफलता का ऐसा परचम लहरायें कि आपको यह विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य और राष्ट्र आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करे।

विश्वविद्यालय को भी उसकी जिम्मेदारी गिनाते हुए कहा कि समाज की आवश्यकता के अनुरूप शोध-कार्यों को प्रोत्साहन देना तथा समग्र विकास के लिए नीति-निर्माण में सहायता देना विश्वविद्यालयों की आज सबसे बड़ी जिम्मेदारी और चुनौती है। हमें अपने पाठयक्रमों को यथा संभव प्रायोगिक बनाते हुए कौशल विकास के साथ उसे जोड़ने का भी प्रयास करना होगा। भविष्य की तैयारियों को उल्लेखित करते हुए उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण के लिए आवश्यकतानुसार नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित करने की दिशा में भी प्रयास हो रहे हैं। ज्ञानार्जन में जाति, लिंग व वर्ग कभी बाधक न बने। शिक्षा से ही सामाजिक कुरीतियों को पूरी तरह से सामज से अंत हो सकता है।

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में उच्च शिक्षा में जनजातीय लड़कियों के नामांकन में सर्वाधिक बढ़ोतरी होना सुखद है। इससे पहले कुलाधिपति का स्वागत कोल्हान विवि की कुलपति डॉ. शुक्ला मोहंती ने पारंपरिक अंग वस्त व गुलदस्ता भेंटकर किया। इसके बाद विवि के कुलगीत और राष्ट्रगान के साथ दीक्षा समारोह का शुभारंभ किया गया। अंत में कुलाधिपति ने वर्ष 2017 के विभिन्न संकायों के गोल्ड मेडलिस्ट को उपाधि प्रदान कर अपना आशीर्वचन दिया। 


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