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दीदी बाड़ी योजना से सालभर मिलेगा पौष्टिक साग-सब्जी

सोनुवा प्रखंड कार्यालय सभागार में गुरुवार को मनरेगा अंतर्गत दीदी बाड़ी योजना का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में दीदी बाड़ी योजना के लाभुकों को योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी देते हुए इसके लाभ के बारे में भी बताया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:34 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:34 PM (IST)
दीदी बाड़ी योजना से सालभर मिलेगा पौष्टिक साग-सब्जी
दीदी बाड़ी योजना से सालभर मिलेगा पौष्टिक साग-सब्जी

संसू, सोनुवा : सोनुवा प्रखंड कार्यालय सभागार में गुरुवार को मनरेगा अंतर्गत दीदी बाड़ी योजना का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में दीदी बाड़ी योजना के लाभुकों को योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी देते हुए इसके लाभ के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीडीओ समीर कच्छप ने कहा कि दीदी बाड़ी योजना से लाभुकों को अपने परिवार के लिये सालभर के लिये पौष्टिक साग-सब्जियाँ मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य लोगों को उनके स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक करना है। प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस योजना के बारे में प्रोजेक्टर के द्वारा योजना के क्रियान्वयन के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया। मनरेगा के तहत दीदी बाड़ी योजना के तहत लोग अपने घर के आसपास मौजूद जगह पर अलग-अलग प्रकार की साग-सब्जियाँ उगा सकते हैं। लाभुक अपने पास उपलब्ध जगह के अनुरूप एक डिसमिल, दो डिसमिल, तीन डिसमिल और पाँच डिसमिल जगह में इस योजना को कर सकते हैं। लाभुकों को बीज और योजना के क्रियान्वयन का तकनीकी सहयोग मिलेगा। एपीपीआई और यूनिसेफ के कल्याणकारी परियोजना की हुई चर्चा कार्यशाला के मौके पर एपीपीआई और यूनिसेफ के कल्याणकारी परियोजना के बारे में भी चर्चा की गई। इस परियोजना के उद्देश्य के बारे में बताया गया कि आदिवासी बहुल प्रखंड में कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों तक पहूँचाने की पहल एवं इसकी कठिनाइयों को समझकर भविष्य में सरकार को नीति बनाने में मदद करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस परियोजना में मुख्य रूप से तीन योजनाओं में काम किया जाएगा, जिसमें मनरेगा, जन वितरण प्रणाली और पेंशन योजनाएँ शामिल हैं। स्वयं सहायता समूह और पीआरआई सहयोग को मजबूत करके सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम की प्रभावी वितरण प्रणाली के लिए ब्लॉक, जिले और राज्य के साथ एक प्रक्रिया स्थापित करना, योजनाओं और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ग्राम पंचायत से सहायता लेने के लिए प्रयास करना, विभिन्न तंत्रों का पूर्ण समर्थन और प्रतिक्रिया छोरों के साथ ठोस निर्णय लेने वाली संरचनाएं, कामकाज में सुधार के लिए साक्ष्य (प्रमाण) और पक्ष समर्थन आदि बिदुओं पर चर्चा की गई। मौके पर मनरेगा बीपीओ भीष्म देव प्रधान, जेएसेलपीएस, मनरेगा, प्रदान के पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

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