सीआरपीएफ ने सारंडा के युवाओं को भ्रमण के लिए भेजा गुवाहाटी
सीआरपीएफ 197 बटालियन की ओर से 12 वें आदिवासी युवा एक्सचेंज कार्यक्रम का शुभारंभ कमांडेंट परमा शिवम ने किया।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : सीआरपीएफ 197 बटालियन की ओर से 12 वें आदिवासी युवा एक्सचेंज कार्यक्रम का शुभारंभ कमांडेंट परमा शिवम ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमांडेंट ने कहा कि सारंडा के बिहड़ जंगल के दूर-दराज के 20 युवक-युवतियों को असम राज्य की राजधानी गुवाहाटी में भेजा जा रहा है। वहां ग्रामीण आदिवासी युवकों को देश के अन्य भागों के रहन-सहन तथा वहां की संस्कृति, सभ्यता, विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के अवगत कराया जायेगा। जिससे इस इलाके के युवा भी देश के अलग-अलग स्थानों को देखे और संस्कृति के बारे जानकारी लें। इस एक्सचेंज कार्यक्रम का मकसद है कि देश के विकास को जंगल क्षेत्र में रहने वाले युवा अपनी आखों से देखें और समाज की मुख्य धारा से भटके हुए युवा को समाज के मुख्य धारा में जोड़ सके। उन्होंने कहा कि असम की संस्कृति बहुत पुरानी और उन्नत है। भुपेन हजारिका विश्व विख्यात लोक गायक हैं। जिन्हें भारत सरकार भारत रत्न देने के लिए भी नामित कर चुकी है। असम में ब्रह्मापुत्र नहीं का बहुत महत्व है। उसकी संस्कृति ही वहीं है। झारखंड में जिस प्रकार जंगल संस्कृति में समाहित है उसी प्रकार वहां नदी की संस्कृति है। भ्रमण करने के दौरान देश के अन्य संस्कृति को भी देखें और उसके जैसे किस प्रकार बने, इसको अपने सोच में शामिल करें। किसी भी व्यक्ति की सोच ही सबसे बड़ा साधन होता है। इसको अपनाने के लिए हम भ्रमण पर जा रहे हैं। इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए नेहरु युवा केन्द्र ने सहयोग मांगा था, उसके बाद से लगातार यह कार्यक्रम चल रहा है और सीआरपीएफ ने 12 वीं बेंच को भेजने में सफल रहा।