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रामतीर्थ मकर मेले पर कोरोना का काला साया

आनंद उत्साह व उमंग का पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। यह पर्व झारखंड ही नहीं अपितु पड़ोसी राज्य ओडिशा व पश्चिम बंगाल में भी सर्वाधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 07:34 PM (IST)
रामतीर्थ मकर मेले पर कोरोना का काला साया
रामतीर्थ मकर मेले पर कोरोना का काला साया

परमानंद गोप, नोवामुंडी : आनंद, उत्साह व उमंग का पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। यह पर्व झारखंड ही नहीं अपितु पड़ोसी राज्य ओडिशा व पश्चिम बंगाल में भी सर्वाधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसी कड़ी में प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के दिन रामतीर्थ के वैतरणी नदी घाट में लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं। मान्यता है कि त्रेता युग में प्रभु श्रीराम अनुज लक्ष्मण व पत्नी सीता को लेकर इसी नदी तट में तीर्थ कर चुके हैं। यह वैतरणी नदी उत्तरवाहिनी दिशा में बहने के कारण मकर संक्रांति के दिन स्नान दान करना काफी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस घाट में मृत शरीर की अस्थियों को विसर्जित करने से उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी को लेकर दूर-दराज के लोग अस्थियों को लेकर इस घाट में विसर्जित करते हैं। हरेक साल जनवरी महीने के प्रवेश करते ही लोग मकर संक्रांति मेले जाने की तैयारी कर देते हैं। लोग समूचे परिवार के लिए मन पसंद परिधान खरीदकर पहले से ही घरों में रख लेते हैं। मकर के दिन लोग स्नान के बाद नए वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद मंदिर तट स्थित रामेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर भोग ग्रहण करते हैं।

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- मकर संक्रांति मेले का आयोजन करना प्रशासन व समिति के लिए बड़ी चुनौती

समूचे देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। प्रत्येक दिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में सरकार ने पहली जनवरी से सरकारी गाइड लाइन जारी कर चुकी है। सरकारी गाइड लाइन में एक जनवरी से 15 जनवरी तक आंशिक लाकडाउन को शामिल की गई है। अब 15 जनवरी के दिन सरकार द्वारा जारी होने वाले दूसरी गाइड लाइन में किस तरह का दिशा निर्देश मिलेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। इन सारे बिदुओं को लेकर रामेश्वर मंदिर विकास समिति पदाधिकारियों ने जगन्नाथपुर थाना प्रभारी यशराज सिंह व बीडीओ संतोष कुमार के साथ बातचीत कर हल निकालने का प्रयास करेंगे। कोरोना संक्रमण को लेकर मकर मेला होने की उम्मीद कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है। इन दोनों लहरों में हमने कितने अपनों को खोया है। अब तीसरी लहर की दस्तक से काफी सजग व सतर्क रहना होगा। एक थोड़ी सी चूक से हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। सरकार की ओर से जारी गाइड को भी पालन करना अनिवार्य है। ऐसे समय में मेले का आयोजन खतरे से भरा है।

फोटो - 23 - सनत कुमार प्रधान, अध्यक्ष रामतीर्थ धाम के रामेश्वर मंदिर विकास समिति।


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